
फिरोजाबाद, 20 अगस्त (Udaipur Kiran) । न्यायालय ने बुधवार को आत्महत्या को प्रेरित करने के दोषी को 7 वर्ष के कारावास की सजा सुनाई है। उस पर अर्थ दंड लगाया है। अर्थ दंड न देने पर उसे अतिरिक्त सजा भुगतनी होगी।
थाना सिरसागंज के बहादुरपुर निवासी महिला प्रीती की फांसी पर लटकने से मौत हो गई थी। उसके पिता शौकीन ने पति ओंकार उसके ससुर वीरपाल, सास उर्मिला देवी तथा वेद प्रकाश के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया था। उनका कहना था बेटी की शादी 18 अप्रैल 2022 को ओंकार के साथ की थी। शादी के बाद से ही अतिरिक्त दहेज की मांग को लेकर ससुरालियों परेशान करते थे। पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर विवेचना के बाद ओमकार, वीरपाल तथा उर्मिला के खिलाफ न्यायालय में आरोप पत्र दाखिल किया।
मुकदमा अपर सत्र न्यायाधीश कोर्ट संख्या 2 सर्वेश कुमार पांडेय की अदालत में चला। अभियोजन पक्ष की तरफ से मुकदमे की पैरवी एडीजीसी अवधेश शर्मा ने की। मुकदमे के दौरान कई गवाहों ने गवाही दी। कई साक्ष्य न्यायालय के सामने प्रस्तुत किए गए। गवाहों की गवाही तथा साक्ष्यों के आधार पर न्यायालय ने ओमकार को दहेज उत्पीड़न और आत्महत्या के लिए प्रेरित करने का दोषी माना। न्यायालय ने उसे 7 वर्ष के कारावास की सजा सुनाई है। उस पर 15 हजार रुपया अर्थ दंड लगाया है। अर्थ दंड न देने पर उसे अतिरिक्त सजा भुगतनी होगी। न्यायालय ने वीरपाल व उर्मिला को दोष मुक्त किया।
(Udaipur Kiran) / कौशल राठौड़
