Jammu & Kashmir

मुख्यमंत्री ने जीएसटी संग्रह, राजस्व सृजन और जिला पूंजीगत व्यय योजनाओं के कार्यान्वयन की समीक्षा की

मुख्यमंत्री ने जीएसटी संग्रह, राजस्व सृजन और जिला पूंजीगत व्यय योजनाओं के कार्यान्वयन की समीक्षा की

श्रीनगर 20 अगस्त (Udaipur Kiran) । मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने वित्तीय समावेशन योजनाओं, सामाजिक सुरक्षा कवरेज, जिला पूंजीगत व्यय और निर्वाचन क्षेत्र विकास निधि कार्य कार्यक्रम की प्रगति की समीक्षा के लिए एक उच्च-स्तरीय बैठक की अध्यक्षता की। मुख्यमंत्री ने चालू वित्त वर्ष के लिए जीएसटी संग्रह-कर और गैर-कर राजस्व की भी समीक्षा की।

प्रमुख सचिव वित्त संतोष डी. वैद्य ने वित्तीय और सामाजिक समावेशन योजनाओं, राजस्व सृजन के रुझानों और पूंजीगत व्यय तथा सीडीएफ कार्यों के अंतर्गत जिलेवार प्रगति पर एक विस्तृत प्रस्तुति दी।

मुख्यमंत्री ने कार्यों की अपलोडिंग और निविदा में धीमी गति का उल्लेख किया और सभी विभागों और जिलों को निर्देश जारी किए कि वे राजस्व प्राप्ति और सामाजिक समावेशन योजनाओं पर ध्यान केंद्रित करें और सुधारात्मक उपायों को वित्तीय वर्ष की अंतिम तिमाही तक छोड़ने के बजाय मासिक आधार पर प्रगति की निगरानी करें।

मुख्यमंत्री ने ज़ोर देकर कहा कि विभागों को राजस्व लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए फरवरी और मार्च का इंतज़ार नहीं करना चाहिए। प्रत्येक विभाग को वित्त विभाग से विशिष्ट संदेश प्राप्त होगा जिसमें उनके चिंताजनक क्षेत्रों को चिह्नित किया जाएगा और छह महीने के राजस्व लक्ष्य का विवरण दिया जाएगा। उन्हें एक स्पष्ट मासिक योजना के साथ राजस्व प्राप्ति में सुधार के लिए आज से ही काम शुरू कर देना चाहिए। उन्होंने आगे निर्देश दिया कि उपायुक्तों को वित्त विभाग से ज़िला-विशिष्ट निर्देश दिए जाएँगे विशेष रूप से प्रधानमंत्री जन धन योजना, प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना, प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना, अटल पेंशन योजना, एकीकृत सामाजिक सुरक्षा योजना, विधवा, वृद्धावस्था और विकलांगता पेंशन जैसी सामाजिक कल्याण योजनाओं के कवरेज के संबंध में। उन्होंने उपायुक्तों को प्रधानमंत्री जन धन योजना और अन्य योजनाओं के तहत खाताधारकों के नामांकन में गिरावट के कारणों का पता लगाने के लिए बुलाया। उमर अब्दुल्ला ने कहा कि हम तीन महीने बाद सामाजिक कल्याण योजनाओं की एक और समीक्षा करेंगे और मुझे ज़िला स्तर पर कवरेज में उल्लेखनीय सुधार देखने की उम्मीद है।

मुख्यमंत्री ने सीडीएफ के तहत कार्य योजनाओं को अंतिम रूप देने में तेजी लाने और कार्यों को बीम्स पोर्टल पर अपलोड करने का आह्वान किया। उन्होंने निर्देश दिए कि विधायकों को केंद्र शासित प्रदेश और जिला पूंजीगत व्यय योजनाओं में शामिल उन कार्यों के बारे में सूचित किया जाए जिन्हें विधायकों ने बजट-पूर्व बैठकों में प्राथमिकता दी थी और उन्हें उन कार्यों के बारे में भी सूचित किया जाए जो अव्यवहारिक पाए गए।

मुख्यमंत्री ने आगाह किया कि राजस्व जुटाने में देरी से सरकार को विभागीय व्यय में कटौती जैसे कठिन निर्णय लेने पड़ सकते हैं। उन्होंने ज़ोर देकर कहा कि यदि विभाग खुद को ऐसी स्थिति में नहीं पाना चाहते जहाँ खर्च में कटौती हो, तो उन्हें यथासंभव राजस्व प्राप्ति में सुधार पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए। समय पर प्रगति सुनिश्चित करना प्रत्येक विभाग की ज़िम्मेदारी है।

बैठक के दौरान यह ध्यान दिया गया कि हाल के वर्षों में सामाजिक सुरक्षा योजनाओं में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है, पीएमजेडीवाई खाताधारकों की संख्या 23 लाख को पार कर गई है, पीएमएसबीवाई में नामांकन 23.8 लाख खाताधारकों तक पहुँच गया है और पीएमजेजेबीवाई लगभग 9.83 लाख व्यक्तियों को कवर कर रहा है।

मुख्यमंत्री ने व्यय और राजस्व प्रवाह दोनों की निगरानी को मजबूत करने, बीईएएमएस पर कार्यों का 100 प्रतिषत अपलोड सुनिश्चित करने और प्रशासनिक अनुमोदन, निविदा और जिला पूंजीगत व्यय कार्यों के निष्पादन में तेजी लाने की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने सामाजिक सुरक्षा योजनाओं तक पहुँच में सुधार और दावों के त्वरित निपटान के लिए जागरूकता अभियान तेज़ करने का भी आह्वान किया।

मुख्यमंत्री ने सामाजिक सुरक्षा, समावेशी विकास और राजकोषीय अनुशासन के प्रति अपनी सरकार की प्रतिबद्धता दोहराई और सभी विभागों और उपायुक्तों से निर्धारित लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए वित्त विभाग के साथ मिलकर काम करने का आग्रह किया।

(Udaipur Kiran) / बलवान सिंह

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