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इंटर कांटिनेंटल बैलिस्टिक मिसाइल अग्नि-5 आठवें परीक्षण में भी कामयाब

अग्नि-5 का परीक्षण (फ़ाइल फोटो)

– चीन-पाकिस्तान समेत यूरोप और अफ्रीकी देशों को अपनी जद में लेगी यह मिसाइल

नई दिल्ली, 20 अगस्त (Udaipur Kiran) । भारत ने परमाणु सक्षम इंटर कांटिनेंटल बैलिस्टिक मिसाइल (आईसीबीएम) अग्नि-5 का आठवां परीक्षण बुधवार को ओडिशा के चांदीपुर स्थित एकीकृत परीक्षण केंद्र से किया है। सामरिक बल कमान के इस परीक्षण में सभी परिचालन और तकनीकी मानकों की पुष्टि हुई। ऑपरेशन ‘सिंदूर’ के स्थगित होने के बीच चीन-पाकिस्तान समेत यूरोप और अफ्रीकी देशों को अपनी जद में लेने वाली इस मिसाइल की लॉन्चिंग को काफी अहम माना जा रहा है।

परमाणु सक्षम इंटर कांटिनेंटल बैलिस्टिक मिसाइल अग्नि-5 मिसाइल को रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) और भारत डायनामिक्स लिमिटेड (बीडीएल) ने मिलकर बनाया है। इस बैलिस्टिक मिसाइल के सात परीक्षण भारत पहले ही कर चुका है। इसके बाद रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (डीआरडीओ) ने 5,000 किलोमीटर से अधिक मारक क्षमता वाली इस मिसाइल का आगे यूजर ट्रायल किये बिना ही सेना और वायु सेना में शामिल किये जाने के संकेत दिए थे। अब अचानक ​भारत ने आज ओडिशा के चांदीपुर स्थित एकीकृत परीक्षण केंद्र से मध्यम दूरी की बैलिस्टिक मिसाइल अग्नि-5 का परीक्षण किया है। इस परीक्षण में सभी परिचालन और तकनीकी मानकों की पुष्टि हुई।

डीआरडीओ ने अग्नि-5 का पहला सफल परीक्षण 19 अप्रैल 2012 को किया गया था। दूसरा परीक्षण 15 सितंबर 2013 को, तीसरा 31 जनवरी, 2015 को, चौथा 26 दिसंबर, 2016 को, पांचवां 18 जनवरी, 2018 को, छठा 3 जून, 2018 को और सातवां परीक्षण 10 दिसंबर, 2018 को किया गया था। 2012 और 2013 में अग्नि-5 की पहली दो उड़ानें खुली कॉन्फ़िगरेशन में थीं। तीसरा, चौथा और पांचवां प्रक्षेपण एक मोबाइल लांचर के साथ एकीकृत कनस्तर से किया गया था, जो एक खुले प्रक्षेपण की तुलना में कम समय में मिसाइल को लॉन्च करने में सक्षम बनाता है। इसके बाद 2020 में उपयोगकर्ता उड़ान परीक्षण किए जाने की योजना थी, लेकिन कोरोना महामारी के कारण यह नहीं हो पाया।

डीआरडीओ के मुताबिक अग्नि-5 का वजन करीब 50 हजार किलोग्राम है। मिसाइल 1.75 मीटर लंबी है, जिसका व्यास 2 मीटर है। ठोस ईंधन से चलने वाले तीन चरणों वाले रॉकेट बूस्टर के ऊपर 1,500 किलोग्राम वजनी वार हेड रखा जाएगा। आईसीबीएम अपने सबसे तेज गति से 8.16 किलोमीटर प्रति सेकंड की यात्रा करने वाली ध्वनि की गति से 24 गुना तेज होगी, जो 29,401 किलोमीटर प्रति घंटे की उच्च गति प्राप्त करेगी।अग्नि-5 मिसाइल का इस्तेमाल बेहद आसान है। इसे रेल, सड़क या हवा कहीं भी इस्तेमाल किया जा सकता है। लॉन्च करने के बाद जब यह मिसाइल पृथ्वी के वायुमंडल में प्रवेश करती है, तो इसका तापमान 4,000 डिग्री सेल्सियस से अधिक हो जाता है। हालांकि, स्वदेशी रूप से डिजाइन और विकसित हीट शील्ड अंदर के तापमान को 50 डिग्री सेल्सियस से कम पर बनाए रखता है। 

(Udaipur Kiran) निगम

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