
गुवाहाटी, 20 अगस्त (Udaipur Kiran) । प्रतिबंधित संगठन यूनाइटेड लिबरेशन फ्रंट आफ असम (उल्फा) से जुड़े 38 लोगों को टाडा अदालत ने बुधवार काे बरी कर दिया है। टाडा मामले में 38 लोगों को अदालत ने बुधवार को 35 साल बाद 43/2001 संख्या के मामले का निर्णय दिया।
टाडा मामले में बरी होने वाले उल्फा के अध्यक्ष अरविंद राजखोआ, अनूप चेतिया, शशधर चौधरी, प्रदीप गोगोई, सुनील नाथ समेत 38 लोगों को अदालत ने दोषमुक्त घोषित किया। इसी प्रकार, कल्पज्योति नेउग, राजू बरुवा, मुनीन नबिश, अनादर ठाकुरिया को भी दोषमुक्त घोषित किया गया।
ज्ञात हो कि, वर्ष 1991 में दिसपुर थाने में इस मामले में प्राथमिकी दर्ज किया गया था। 2001 से टाडा अदालत में मामले की सुनवाई चल रही थी। 43/2001 नंबर टाडा मामले में कुल 45 आरोपित थे। 45 आरोपितों में से परेश बरुवा सहित 3 अभी भी फरार हैं।
4 लोगों की मृत्यु के कारण उनके नाम मामले से वापस ले लिए गए हैं। उग्रवाद पैदा करने, धन उगाही के आरोप में यह मामला दर्ज किया गया था। यूएपीए, टाडा के साथ-साथ आईपीसी की कई धाराएं उनके खिलाफ लगाई गई थीं। अंततः लंबे समय के बाद आज इस प्रतिबंधित संगठन के कई नेताओं को दोषमुक्त किया गया। ———————–
(Udaipur Kiran) / अरविन्द राय
