
जोधपुर, 20 अगस्त (Udaipur Kiran) । पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने जोधपुर पहुंचते ही प्रदेश सरकार पर तीखा हमला बोला। स्वतंंत्रता दिवस पर हुए हादसे को लेकर उन्होंने कहा कि इतने बड़े राज्य स्तरीय कार्यक्रम में इस तरह की घटना होना मुख्यमंत्री और प्रशासन की संवेदनहीनता को दर्शाता है।
गहलोत ने कहा कि हमारी सरकार के समय हेलमेट और सीट बेल्ट को अनिवार्य करवाने जैसे कदम उठाए गए थे, जिससे दुर्घटनाओं में कमी आई थी। लेकिन वर्तमान सरकार की लापरवाही साफ झलक रही है। उन्होंने सवाल उठाया कि यदि चार बच्चे वीवीआईपी मूवमेंट के दौरान कार्यक्रम स्थल पर आ गए तो यह यातायात और सुरक्षा व्यवस्था की नाकामी है। यदि कोई अधिकारी मौके पर होता तो हादसा रोका जा सकता था।
पूर्व मुख्यमंत्री ने मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा को सलाह दी कि वे अपने सलाहकारों को बदलें और दुर्घटना की स्थिति में संवेदनशीलता दिखाते हुए मृतकों के घर जाएं या परिजनों को बुलाकर मुलाकात करते लेकिन मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा मार्ग बदल कर चले गए। गहलोत ने कहा कि जोधपुर संस्कारी और शांतिप्रिय शहर है, लेकिन पहली बार मुख्यमंत्री के राज्य स्तरीय कार्यक्रम में उनके खिलाफ नारे लगे, जो जनता के आक्रोश और सरकार की उदासीनता को उजागर करते हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि पानी की कमी और अव्यवस्था के चलते लगभग 10 बच्चे बीमार हुए, लेकिन उनकी कुशलक्षेम पूछने न तो कोई अधिकारी और न ही मुख्यमंत्री के पदाधिकारी अस्पताल पहुंचे। यह सरकार और प्रशासन की असंवेदनशीलता का बड़ा उदाहरण है।
इस अवसर पर कांग्रेस के वरिष्ठ पदाधिकारी पूर्व राज्यमंत्री राजेंद्र सोलंकी, जसवंत सिंह कच्छवाह, पूर्व राज्य मंत्री संगीता बेनीवाल, पूर्व विधायक मनीषा परिवार, नगर निगम उत्तर महापौर कुंती देवड़ा, जोधपुर दक्षिण अध्यक्ष नरेश जोशी, जोधपुर शहर उत्तर अध्यक्ष सलीम खान, सूरसागर विधायक प्रत्याशी साजिद खान, अजीत सिंह राठौड़, पूर्व विधायक हीराराम मेघवाल, नेता प्रतिपक्ष गणपत सिंह चौहान, ओबीसी मोर्चा अध्यक्ष नरेंद्र शर्मा, अधिवक्ता करण सिंह राजपुरोहित, एनएसयूआई अध्यक्ष बबलू सोलंकी और पुखराज देवरिया सहित बड़ी संख्या में कार्यकर्ता मौजूद रहे।
(Udaipur Kiran) / सतीश
