Jammu & Kashmir

केवीके कठुआ ने तिलहन खेती प्रशिक्षण कार्यक्रम के माध्यम से किसानों को बनाया सशक्त

KVK Kathua empowered farmers through oilseed cultivation training program

कठुआ 20 अगस्त (Udaipur Kiran) । कृषि विज्ञान केंद्र कठुआ ने बुधवार को आईसीएआर-अटारी लुधियाना द्वारा आवंटित क्लस्टर अग्रिम पंक्ति प्रदर्शनों के अंतर्गत तिलहन फसलों में उन्नत उत्पादन और प्रबंधन पद्धतियाँ पर एक दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया। जिसका उद्देश्य जिले में विविधीकरण को बढ़ावा देना और तिलहन उत्पादकता में वृद्धि करना था।

यह प्रशिक्षण शेर-ए-कश्मीर कृषि विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय जम्मू (एसकेयूएएसटी-जे) के प्रशासनिक नियंत्रण में कुलपति डॉ. बीएन त्रिपाठी के नेतृत्व और एसकेयूएएसटी-जे के निदेशक विस्तार डॉ. अमरीश वैद के मार्गदर्शन में आयोजित किया गया। कठुआ जिले के विभिन्न क्षेत्रों से 50 से अधिक किसानों और कृषक महिलाओं ने कार्यक्रम में भाग लिया। डॉ. विशाल महाजन, मुख्य वैज्ञानिक एवं प्रमुख केवीके कठुआ ने कार्यक्रम का उद्घाटन किया और प्रतिभागियों का स्वागत किया। उन्होंने पोषण सुरक्षा सुनिश्चित करने और आयात पर निर्भरता कम करने में तिलहन फसलों के महत्व पर जोर दिया। उन्होंने तिलहन उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए वैज्ञानिक तरीकों को अपनाने और सरकारी योजनाओं के अधिकतम उपयोग पर भी जोर दिया। इस अवसर पर बोलते हुए मुख्य वैज्ञानिक (कृषि विस्तार) डॉ. बर्जेश अजरावत ने खाद्य तेल उत्पादन में आत्मनिर्भरता की आवश्यकता पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि सबसे बड़े उपभोक्ताओं में से एक होने के बावजूद, भारत बड़ी मात्रा में खाद्य तेलों का आयात करता है, जिससे राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था पर बोझ पड़ता है। उन्होंने किसानों से तिलहन की खेती का विस्तार करने और बेहतर लाभप्रदता के लिए प्रमाणित बीजों के उपयोग, एकीकृत कीट प्रबंधन, क्लस्टर-आधारित दृष्टिकोण और मूल्य संवर्धन जैसी तकनीकों को अपनाने का आह्वान किया। उन्होंने प्रतिभागियों को राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन (तिलहन) और राष्ट्रीय खाद्य तेल मिशन (एनएमईओ) सहित विभिन्न योजनाओं से भी अवगत कराया। कार्यक्रम का संचालन डॉ. अजय कुमार ने किया, जबकि विजय सिंह, अमित कुमार, राज कुमार, ऋषव शर्मा और केवीके कठुआ के अन्य सदस्यों ने कार्यक्रम के सुचारू संचालन में सहयोग प्रदान किया। कार्यक्रम में बड़ी संख्या में कृषक महिलाओं सहित किसानों की उत्साहपूर्ण भागीदारी देखी गई, जिन्होंने वैज्ञानिकों के साथ सक्रिय रूप से बातचीत की और क्षेत्र-स्तरीय मुद्दों को साझा किया। प्रतिभागियों ने आयोजकों से जिले के अन्य हिस्सों में भी इसी तरह के प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित करने का आग्रह किया। कार्यक्रम का समापन सुशांत शर्मा के धन्यवाद ज्ञापन के साथ हुआ।

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(Udaipur Kiran) / सचिन खजूरिया

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