
टीबी रोगियों के लिए हो अलग आईसीयू : डा. सूर्यकांत
लखनऊ,20 अगस्त (Udaipur Kiran) । टीबी रोगी गोद लेने का कार्यक्रम टीबी मुक्त भारत हेतु निक्षय मित्र अभियान’ का विशेष आयोजन डॉ. राम मनोहर लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान लखनऊ में किया गया। इस पहल के अंतर्गत, शेरवुड कॉलेज ऑफ प्रोफेशनल मैनेजमेंट, इंदिरा नगर, लखनऊ ने 50 टीबी रोगियों को गोद लिया और उनके सम्पूर्ण उपचार की अवधि के दौरान पोषण सामग्री एवं सामाजिक सहयोग प्रदान करने की प्रतिबद्धता जताई। यह कदम माननीय प्रधानमंत्री की 2025 तक टीबी उन्मूलन की दृष्टि और राज्यपाल, उत्तर प्रदेश के निर्देशानुसार विश्वविद्यालयों एवं संस्थानों को टीबी रोगियों के सहयोग हेतु जोड़ने की पहल के अनुरूप है।
कार्यक्रम का उद्घाटन संस्थान के निदेशक डॉ. सी. एम. सिंह ने किया। प्रो. डॉ. सी.एम. सिंह ने घोषणा की कि संस्थान अगले वर्ष श्वसन रोग विभाग में एमडी पाठ्यक्रम प्रारंभ करने जा रहा है तथा निकट भविष्य में डीएम सुपर स्पेशियलिटी पाठ्यक्रम भी प्रारंभ किया जाएगा।
प्रोफेसर डॉ . अजय कुमार वर्मा ने अतिथियों का मंच पर स्वागत किया।
विशिष्ट अतिथि केजीएमयू के रेस्पिरेटरी मेडिसिन विभाग के विभागाध्यक्ष प्रो. डॉ. सूर्यकांत ने कहा कि निक्षय मित्र वे व्यक्ति और संस्थाएँ है जो टीबी रोगियों को गोद लेकर पोषण, भावनात्मक और सामाजिक सहयोग प्रदान करते हैं। उन्होंने समाज के सभी वर्गों और मेडिकल कॉलेज के शिक्षकों से आगे आकर निक्षय मित्र बनने की अपील की। उन्होंने यह भी कहा कि राष्ट्रीय आयुर्विज्ञान आयोग ने टीबी रोगियों के लिए सामान्य आईसीयू से अलग कम से कम एक समर्पित आईसीयू बेड रखने की सलाह दी है।
प्रो. डॉ. विक्रम सिंह ने कहा कि अधिकांश टीबी रोगी कुपोषित होते हैं, इसलिए पोषण सहयोग चिकित्सा उपचार जितना ही महत्वपूर्ण है। उन्होंने सभी टीबी रोगियों में CBNAAT और LPA जैसी उन्नत तकनीकों से दवा प्रतिरोध परीक्षण करने पर बल दिया।
धन्यवाद ज्ञापन डॉ. मनीष कुमार सिह (कम्युनिटी मेडिसिन) एवं डॉ. हेमंत कुमार (रेस्पिरेटरी मेडिसिन) ने प्रस्तुत किया।
इस आयोजन ने स्पष्ट किया कि टीबी उन्मूलन केवल चिकित्सकीय लक्ष्य नहीं बल्कि एक सामाजिक उत्तरदायित्व है, जिसे सामूहिक सहभागिता, पोषण सहयोग एवं रोगियों के प्रति करुणा से ही प्राप्त किया जा सकता है।
(Udaipur Kiran) / बृजनंदन
