
हिसार, 20 अगस्त (Udaipur Kiran) । कांग्रेस नेता एवं पूर्व मंत्री संपत सिंह ने यहां के गुरु जम्भेश्वर विश्वविद्यालय की वित्तीय स्थिति पर चिंता व्यक्त करते हुए सरकार से इस ओर ध्यान देने की मांग की है। उन्होंने कहा कि गुरु जम्भेश्वर विश्वविद्यालय इस समय गंभीर वित्तीय संकट से जूझ रहा है, जिससे उसका अस्तित्व ही खतरे में है।अपने आवास पर पत्रकारों से बातचीत में संपत सिंह ने बुधवार काे कहा कि बिश्नोई संप्रदाय के संस्थापक गुरु जम्भेश्वर महाराज की स्मृति में 1995 में हिसार में स्थापित इस विश्वविद्यालय का उद्देश्य उभरती प्रौद्योगिकियों, पर्यावरण अध्ययन और प्रबंधन विषयों में शिक्षा प्रदान करना था। वर्षों से, इसने हजारों व्यावसायी तैयार किए हैं जो अब देशभर में प्रभावशाली पदों पर कार्यरत हैं। उन्होंने खुलासा किया कि विश्वविद्यालय वर्तमान में 294.92 करोड़ के भारी बजट घाटे से जूझ रहा है, जिसमें वित्तीय वर्ष 2024-25 के संशोधित अनुमानों के अनुसार 71.21 करोड़ बजट घाटा भी शामिल हैं। वर्ष 2023-24 में, हरियाणा सरकार ने विश्वविद्यालय को 140 करोड़ अनुदान सहायता राशि प्रदान की थी। उन्होंने आश्चर्य व्यक्त किया कि राज्य सरकार ने चालू वित्तीय वर्ष के लिए अपने बजट में केवल 95 करोड़ ऋण का आवंटन किया है। वर्ष 2025-26 में विश्वविद्यालय का कुल अनुमानित राजस्व केवल 194.11 करोड़ है। इसमें आंतरिक प्राप्तियां, दूरस्थ शिक्षा और स्व-वित्तपोषण कार्यक्रमों से आय, और राज्य तथा केंद्र सरकार व उनकी संस्थाओं से अनुदान शामिल हैं।संपत सिंह ने कहा कि इन राजस्व स्त्रोतों में लगातार गिरावट आ रही है। मूल रूप से आय बढ़ाने के लिए शुरू की गई स्व-वित्तपोषण योजनाओं से इस वर्ष केवल 21.11 करोड़ रुपये की आय होने की उम्मीद है जबकि इन्हीं योजनाओं में 41.45 करोड़ रुपये का अनुमानित व्यय है। चालू वित्त वर्ष के लिए विश्वविद्यालय का कुल अनुमानित व्यय पूंजीगत और राजस्व दोनों 415 करोड़ रुपये है। उन्होंने चेतावनी दी कि वित्तीय घाटा इतना गंभीर है कि इससे विश्वविद्यालय का अस्तित्व ही खतरे में पड़ गया है। पूर्व मंत्री ने आगे कहा कि विश्वविद्यालय को चल रही निर्माण परियोजनाओं को पूरा करने के लिए 80 करोड़ की आवश्यकता है, जो अब धन की कमी के कारण रुकने का खतरा है।
(Udaipur Kiran) / राजेश्वर
