
काठमांडू, 19 अगस्त (Udaipur Kiran) । काठमांडू में जिस समय सत्तारूढ़ गठबंधन के सांसद डिप्टी स्पीकर इंदिरा राना मगर के खिलाफ महाभियोग का प्रस्ताव पर हस्ताक्षर कर रहे थे उस समय स्वयं वो आधिकारिक भ्रमण पर अमेरिका में नेपाल का प्रतिनिधित्व करते हुए एक सम्मेलन में सहभागी थीं।
महाभियोग के प्रस्ताव लाने की जानकारी के बाद उन्होंने इस पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि यदि मेरी कोई गलती है तो मुझे आज सजा मिलनी चाहिए लेकिन दो तिहाई का दंभ दिखाकर सरकार जिस तरह से महाभियोग का प्रस्ताव ला रही है, वह कार्य अशोभनीय है। उन्होंने कहा कि यदि सरकार की हिम्मत है तो उन्हें जेल में डाले, वो सजा भुगतने को तैयार है।
अपने फेसबुक पेज पर प्रतिक्रिया देते हुए इंदिरा राना मगर ने कहा कि इस समय मैं सरकार की अनुमति से ही नेपाल सरकार का प्रतिनिधित्व करते हुए अमेरिका में एक अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन में शिरकत करने आई हूं। ऐसे समय काठमांडू में मेरे खिलाफ महाभियोग के प्रस्ताव से न सिर्फ मेरी छवि खराब हुई बल्कि देश की साख भी गिरी है। राना मगर ने लिखा है कि कम से कम सरकारी दौरे से वापस आने के बाद यह फैसला करना चाहिए था।
डिप्टी स्पीकर ने कहा कि उनपर सत्तारूढ़ गठबंधन की तरफ से जो आरोप लगाया गया है, वह बिलकुल बेबुनियाद है, इस बारे में सरकार की जांच में कुछ नहीं मिला। उनका कहना है कि इसी मामले में मेरे खिलाफ पहले भी महाभियोग का प्रस्ताव लाने का प्रयास किया गया था जिसे सत्तारूढ़ घटक दल के ही द्वारा विरोध करने के बाद वापस लेना पड़ा था।
डिप्टी स्पीकर राना मगर ने बताया कि सत्तारूढ़ दल के नेता द शेखर कोइराला ने उनसे फोन पर बात करते हुए उन्हें भरोसा दिलाया कि उनके विदेश में रहते सरकार के द्वारा लाया जा रहा महाभियोग का प्रस्ताव का वह विरोध करेंगे और उन्हें समझाने का प्रयास करेंगे कि यह सही नहीं।
डिप्टी स्पीकर ने कहा कि अगर सरकार को लगता है कि उनकी गलती है तो उनके खिलाफ फिर से जांच करवाए और दोषी पाए जाने पर उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाए। उन्होंने सरकार को चुनौती देते हुए कहा कि यदि सरकार में हिम्मत है तो उन्हें जेल में डाल सकती है लेकिन वो अपना पद आसानी से नहीं छोड़ने वाली हैं।
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(Udaipur Kiran) / पंकज दास
