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किसी फर्म को काली सूची में डालने से पहले सुनवाई का मौका देना चाहिए: उच्च न्यायालय

इलाहाबाद हाईकाेर्ट

–फर्म के खिलाफ जुर्माना व काली सूची में डालने का आदेश निरस्त

प्रयागराज, 19 अगस्त (Udaipur Kiran) । इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने कहा है कि कानून में यह स्पष्ट है कि कोई भी जुर्माना लगाने या किसी फर्म को काली सूची में डालने से पहले, संबंधित फर्म को सुनवाई का अवसर दिया जाना चाहिए। सोनभद्र के मेसर्स बाबा खाटू इंडस्ट्रीज की याचिका निस्तारित करते हुए न्यायमूर्ति सरल श्रीवास्तव तथा न्यायमूर्ति अरुण कुमार सिंह देशवाल की खंडपीठ ने जिलाधिकारी को निर्देश दिया है कि वह याची के अभ्यावेदन देने पर एक महीने के भीतर नए सिरे से विचार कर निर्णय लें। कोर्ट ने जिलाधिकारी का 29 जुलाई का वह आदेश निरस्त कर दिया है, जिसमें जुर्माने तथा जमानत राशि जब्त करने के साथ ही फर्म को ब्लैक लिस्टेड करने की बात थी।

मुकदमे से जुड़े तथ्यों के अनुसार जिलाधिकारी ने याची की 1,07,43,587 रुपये की जमानत राशि जब्त करने के साथ ही उसे 2,35,56,096 रुपये जमा करने का निर्देश दिया था। आदेश में यह बात भी थी कि जमानत राशि से अवैध खनन के लिए 56,14,813 रुपये काट लिए जाएं। याची फर्म को खनन से दो साल के लिए प्रतिबंधित करते हुए उसे काली सूची में भी डाल दिया गया। याची के वकीलों का कहना था कि आरोपों के संबंध में सुनवाई का कोई अवसर नहीं दिया गया था। इसलिए, आक्षेपित आदेश गैर कानूनी है।

यह भी कहा गया कि याची किसी भी किस्त का भुगतान करने के लिए उत्तरदायी नहीं है क्योंकि उसने एक अप्रैल को ही लीज डीड सरेंडर करने के लिए आवेदन दिया था।

सरकार की तरफ से कहा गया कि याची का आवेदन उत्तर प्रदेश लघु खनिज (रियायत) नियम, 2021 के नियम 13 के अनुसार पट्टा समर्पण हेतु आवेदन प्रस्तुत नहीं करता तब तक आवेदन गलत है और जिला मजिस्ट्रेट ऐसे आवेदन पर विचार करने के लिए बाध्य नहीं है। याची रॉयल्टी की किस्त का भुगतान करने के लिए उत्तरदायी है और जिलाधिकारी के आदेश में कोई अवैधता नहीं है। राज्य सरकार ने पांच जून को नोटिस जारी कर याची को 1,57,04,064 रुपये की किस्त जमा करने या कारण बताओ नोटिस देने को कहा गया है। कोर्ट ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद कहा कि अभिलेखों से यह प्रतीत होता है कि जिला मजिस्ट्रेट ने याची की प्रतिभूति जब्त करने और फर्म को काली सूची में डालने से पहले कोई नोटिस जारी नहीं किया है।

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(Udaipur Kiran) / रामानंद पांडे

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