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भारत ने चीन के साथ उठाया ब्रह्मपुत्र पर मेगा डैम का मुद्दा, पारदर्शिता पर दिया जोर

नई दिल्ली, 19 अगस्त (Udaipur Kiran) । भारत ने चीन के विदेश मंत्री वांग यी की भारत यात्रा के दौरान ब्रहमपुत्र (यारलुंग सांगपो) नदी के निचले हिस्सों में चीन की ओर से बनाए जा रहे मेगा डैम पर भी चिंता जताई है और कहा कि इससे निचले हिस्सों के भारतीय राज्यों पर गंभीर असर पड़ेगा। इस संबंध में अत्यधिक पारदर्शिता की आवश्यकता पर जोर दिया गया।

विदेश मंत्रालय का कहना है कि विदेश मंत्री जयशंकर के साथ वार्ता के दौरान चीन की ओर से ताइवान का मुद्दा उठाया गया। इस पर भारत ने स्पष्ट किया कि उसकी स्थिति में कोई बदलाव नहीं है और ताइवान के साथ उसके संबंध केवल आर्थिक, तकनीकी और सांस्कृतिक क्षेत्रों तक सीमित रहेंगे। भारत ने यह भी इंगित किया कि चीन स्वयं भी इन क्षेत्रों में ताइवान से सहयोग करता है।

विदेश मंत्रालय ने चीन के विदेश मंत्री की भारत यात्रा पर एक प्रेस वक्तव्य जारी किया है। इसमें कहा गया है कि भारत और चीन के बीच संबंधों को नई गति देने के प्रयास में चीन के विदेश मंत्री वांग यी ने 18-19 अगस्त को राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल के निमंत्रण पर भारत का दौरा किया। इस दौरान उन्होंने सीमा मुद्दे पर विशेष प्रतिनिधियों की 24वीं वार्ता की सह-अध्यक्षता की और विदेश मंत्री डॉ एस. जयशंकर से द्विपक्षीय वार्ता की। साथ ही उन्होंने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से मुलाकात की।

मंत्रालय के अनुसार विशेष प्रतिनिधि वार्ता में तनाव कम करने, परिसीमन और सीमा मामलों से जुड़े मुद्दों पर चर्चा हुई। विदेश मंत्रियों के बीच चर्चा में साझा हित के द्विपक्षीय, क्षेत्रीय और अंतर्राष्ट्रीय मुद्दों पर चर्चा हुई।

इस दौरान भारतीय पक्ष ने आतंकवाद के सभी रूपों, विशेषकर सीमा पार आतंकवाद पर गंभीर चिंता जताई और याद दिलाया कि शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) का एक प्रमुख उद्देश्य आतंकवाद का मुकाबला करना रहा है। वांग यी ने सहमति जताई कि आतंकवाद विरोध को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जानी चाहिए।

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(Udaipur Kiran) / अनूप शर्मा

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