

रांची, 19 अगस्त (Udaipur Kiran) । राज्य में जीवन कौशल विकास (लाइफ स्किल डेवलपमेंट) के अन्तर्गत कस्तुरबा गांधी बालिका आवासीय विद्यालय, बालिका आवासीय विद्यालय और जिले के माध्यमिक और उच्च माध्यमिक के चयनित 100 विद्यालयों (जहां गैर आवासीय विद्यालय संचालित है) में केवाईओएन कार्ड और आधा-पूर्ण कॉमिक के माध्यम से कार्यक्रम चलाया जा रहा है।
कार्यक्रम का उददेश्य किशोरावस्था की भागीदारी को मज़बूत करना है। कार्यक्रम के तहत यूनिसेफ की ओर से 10 कॉमिक्स बुक्स का संग्रह आधा फुल कॉमिक बच्चों को उपलब्ध कराया गया है।
इससे बच्चों में लैंगिक समानता, शारीरिक शर्मिंदगी, भावनात्मक विकास और मनोसामाजिक कल्याण की समझ को विकसित किया जाएगा। साथ ही एक केवाईओएन कार्ड विकसित किया गया है, इसका उपयोग अभिभावकों को उक्त कार्यक्रम में सम्मिलित करने के लिए अभिभावक और शिक्षक की बैठक (पीटीएम) में किया जायेगा।
इसे लेकर मंगलवार को झारखंड शिक्षा परियोजना परिषद और यूनिसेफ के संयुक्त तत्वावधान में तीन दिवसीय प्रशिक्षण कार्यशाला की शुरुआत हुई।
सामाजिक चुनौतियों का सामना भी मजबूती से करेंगे किशोर
कार्यशाला को संबोधित करते हुए राज्य कार्यक्रम पदाधिकारी डॉ अभिनव कुमार ने कहा कि बच्चों के समग्र विकास में जीवन कौशल की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण है। इस पहल से किशोरों में न केवल आत्मविश्वास मिलेगा, बल्कि वे सामाजिक चुनौतियों का सामना भी मजबूती से कर सकेंगे। अभिभावकों की सक्रिय भागीदारी से यह कार्यक्रम और भी प्रभावी सिद्ध होगा।
शिक्षा विशेषज्ञ पारुल शर्मा ने कहा कि जाने अनजाने में बच्चे, विशेषकर बालिकाएं सामाजिक और रूढ़िवादी रूप रंग से सम्बंधित अवधारणाओं के कारण हीन भावना से ग्रस्त हो जाती हैं। उन्हें यह महसूस करवाया जाता है कि वे अगर और गोरी, लम्बी या दुबली होती तो बेहतर होता। इस सोच को बदलना ज़रूरी है। हमें बच्चियों को बताना है कि वे आत्मसम्मान के साथ जिएं और दूसरों की ओर से तय किये मापदंडों को खुद पर न थोपें।
वहीं जोशीला पल्लपति ने कहा कि किशोरावस्था वह अवस्था है जहां बच्चों को सबसे अधिक मार्गदर्शन और सहारे की आवश्यकता होती है। आधा फुल कॉमिक्स और केवाईओएन कार्ड बच्चों को संवेदनशील विषयों पर खुलकर सोचने और अपने अनुभव साझा करने का अवसर देंगे। यह पहल उनके आत्मविश्वास को बढ़ाने के साथ-साथ परिवार और समुदाय को भी सकारात्मक बदलाव की ओर प्रेरित करेगी।
कार्यशाला में राज्य कार्यक्रम पदाधिकारी डॉ अविनव कुमार, यूनिसेफ की शिक्षा विशेषज्ञ पारुल शर्मा, यूनिसेफ की सामाजिक व्यवहार परिवर्तन विशेषज्ञ जोशीला पल्लपति, सभी 24 जिलों से मास्टर ट्रेनर, देवनेट, ड्रीम एंड ड्रीम, उगम फाउंडेशन, प्लान इंडिया से रिसोर्स पर्सन शामिल हुए।
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(Udaipur Kiran) / Vinod Pathak
