
धर्मशाला, 19 अगस्त (Udaipur Kiran) । चौधरी सरवण कुमार हिमाचल प्रदेश कृषि विश्वविद्यालय पालमपुर में 12 से 18 अगस्त तक रैगिंग विरोधी जागरूकता सप्ताह मनाया गया। इस दौरान एक सुरक्षित, सम्मानजनक और समावेशी परिसर वातावरण सुनिश्चित करने की अपनी प्रतिबद्धता दोहराई गई। इस पहल का उद्देश्य छात्रों को रैगिंग के हानिकारक प्रभावों के बारे में जागरूक करना और इस बुराई के प्रति विश्वविद्यालय की सख्त शून्य-सहिष्णुता नीति को सुदृढ़ करना था। इस मौके पर एसडीएम पालमपुर नेत्रा मेती ने व्याख्यान के दौरान छात्रों को रैगिंग के दुष्परिणाम के बारे में जानकारी दी।
इस सप्ताह के दौरान, जागरूकता फैलाने के लिए नारा लेखन, पोस्टर निर्माण और लेख लेखन प्रतियोगिताओं जैसी विभिन्न छात्र-केंद्रित गतिविधियां आयोजित की गईं। छात्रों ने रैगिंग के सामाजिक, भावनात्मक और मनोवैज्ञानिक परिणामों को उजागर करते हुए प्रभावशाली संदेशों और दृश्यों के माध्यम से अपनी रचनात्मकता और चिंता का प्रदर्शन किया। साथ ही सहानुभूति, मित्रता और आपसी सम्मान के मूल्यों को भी बढ़ावा दिया। यूजीसी द्वारा प्रमाणित एंटी-रैगिंग वीडियो और लघु फिल्में भी प्रदर्शित और प्रसारित की गईं, जिनमें छात्रों को रैगिंग के कानूनी निहितार्थों और पीड़ितों पर इसके दीर्घकालिक प्रभावों के बारे में शिक्षित किया गया।
जागरूकता सप्ताह पुरस्कार वितरण समारोह के साथ हुआ। कुलपति डॉ. नवीन कुमार बतौर मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहे। उन्होंने विभिन्न प्रतियोगिताओं के विजेताओं को प्रमाण पत्र प्रदान किए और सीएसकेएचपीकेवी को रैगिंग-मुक्त संस्थान बनाने में छात्रों और कर्मचारियों की सक्रिय भागीदारी की सराहना की। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि विश्वविद्यालय अपने स्वस्थ और समावेशी शैक्षणिक वातावरण को बनाए रखने के लिए अत्यधिक सतर्क रहता है।
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(Udaipur Kiran) / सतेंद्र धलारिया
