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पहली बार पूर्णत: अपशिष्ट मुक्त रही अमरनाथ यात्रा, पर्यावरण-संरक्षण में स्थापित किए कई रिकार्ड

अमरनाथ यात्रा

नई दिल्ली, 19 अगस्त (Udaipur Kiran) । जम्मू कश्मीर में इस साल की श्री अमरनाथ यात्रा सफाई, प्लास्टिक-मुक्त व्यवस्था और पर्यावरण संरक्षण की दिशा में ऐतिहासिक रही। इस बार यात्रा में करीब 4 लाख श्रद्धालुओं ने भगवान शिव के पवित्र गुफा मंदिर के दर्शन किए। इस यात्रा को पहली बार पूरी तरह से पूर्णत: अपशिष्ट रहित (जीरो वेस्ट) बनाया गया।

स्थानीय प्रशासन ने यात्रा को गंदगी रहित बनाने के लिए वैज्ञानिक तरीके से कचरा प्रबंधन किया । यात्रा के दौरान हर दिन करीब 11.67 मीट्रिक टन कचरा पैदा हुआ, लेकिन सारे कचरे का शत प्रतिशत निस्तारण किया गया। गीला कचरा खाद बनाने के लिए भेजा गया और सूखा कचरा रिसाइक्लिंग यूनिट तक पहुंचाया गया। प्रशासन ने 1,016 जगह कूड़ेदान लगाए। हरे रंग के डिब्बे, गीले और नीले, सूखे कचरे के लिए। 65 गाड़ियों ने नियमित रूप से कचरा उठाया। सफाई के लिए 1300 से ज्यादा सफाईकर्मी दिन-रात तैनात रहे।

प्लास्टिक पर भी सख्त रोक लगाई गई। एकल-उपयोग प्लास्टिक (एसयूपी) पूरी तरह बंद कर दिया गया। लंगर वालों ने भी इसका इस्तेमाल बंद किया। यात्रियों को 15,000 से ज्यादा जूट और कपड़े के थैले बांटे गए। प्लास्टिक लाओ, थैला ले जाओ और बिन इट, विन इट जैसे कार्यक्रमों से लोगों को प्लास्टिक के नुकसान और सही तरीके से कचरा फेंकने के बारे में जानकारी दी गई।

पूरे यात्रा मार्ग पर 1600 से ज्यादा मोबाइल शौचालय लगाए गए, जिनकी सफाई हर दिन दो बार की गई। हर शौचालय पर क्यूआर कोड लगा था जिससे यात्री तुरंत अपनी प्रतिक्रिया दे सकें। करीब 20 हजार यात्रियों ने फीडबैक दिया, जिससे सेवाओं को बेहतर करने में मदद मिली। गंदे पानी और मल को उठाने के लिए 39 डी-स्लजिंग वाहन लगाए गए और सारा मल प्रोसेस किया गया।

“ग्रीन प्लेज” अभियान में 70 हजार से ज्यादा श्रद्धालुओं ने हिस्सा लिया और सफाई की शपथ ली। सेल्फी बूथ, प्रतिज्ञा दीवारें और स्वच्छता किट ने लोगों को जुड़ने के लिए प्रेरित किया। जिम्मेदार यात्रियों को सम्मानित भी किया गया।

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(Udaipur Kiran) / प्रशांत शेखर

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