
ईश्वर की आराधना करते हुए धर्मसम्मत कार्य करने चाहिए : नारायणाचार्य जी महाराज
तिरुपति धाम में कलशों से श्रीभगवान का किया अभिषेक, गोपुरम के शिखर पर कलशों
की स्थापना
हिसार, 19 अगस्त (Udaipur Kiran) । श्रद्धालुओं को अध्यात्म का मार्ग दिखाने वाले श्री
तिरुपति बालाजी धाम में गोपुरम प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव पूरे उत्साह के साथ जारी है।
17 अगस्त से शुरू हुए इस महोत्सव में विभिन्न क्षेत्रों से श्रद्धालु हिस्सा ले रहे
हैं। मृदाहरण, अंकुरार्पण व वास्तुहोम का विधान पूरा करने के साथ ही मंगलवार काे यज्ञशाला प्रवेश,
मानोन्मान शांति होम एवं यज्ञशाला आराधन का विधान पूरा किया गया। विभिन्न कलशों से
श्रीभगवान का अभिषेक करके पूजा व आराधना की गई और गोपुरम पर भव्य कलश स्थापित करके
जनकल्याण की कामना की गई। गोपुरम पर कलश स्थापना का विशेष महत्व है। कलश शुभता और समृद्धि
के प्रतीक हैं और माना जाता है कि नकारात्मक ऊर्जा से बचाते हैं। 71 फुट ऊंचा व भव्य
गोपुरम स्वर्गीय मूलचंद अग्रवाल की पुण्य स्मृति में उनकी पत्नी तारामणि देवी द्वारा
सेवा भाव से निर्मित करवाया गया है।
तिरुपति धाम में गोपुरम प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव के अंतिम दिन 20 अगस्त को
महासंप्रोक्षण व सात्तुमुरै तीर्थ प्रसाद का विधान रहेगा। 20 अगस्त को ही सायं 4 बजे
नंदोत्सव भी धूमधाम से मनाया जाएगा और सभी श्रद्धालुओं के लिए भोजन प्रसादी की व्यवस्था
रहेगी। नंदोत्सव की तैयारियां जोर-शोर से शुरू कर दी गई हैं। तिरुपति धाम में सभी विधान व गोपुरम प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव परम पद प्राप्त
जगद्गुरु त्रिदंडी जीयर स्वामी श्री देवनारायणाचार्य जी महाराज के कृपा पात्र अन्नत
श्री विभूषित सर्वश्री नारायणाचार्य जी महाराज के सान्निध्य में चल रहे हैं। गोपुरम
प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव के दौरान नारायणाचार्य जी महाराज ने पुनीत कार्य करने के लिए
प्रेरित किया।
नारायणाचार्य जी महाराज ने गोपुरम के प्राण प्रतिष्ठा की शुभकामनाएं देते हुए
परम पद प्राप्त जगद्गुरु त्रिदंडी जीयर स्वामी जी द्वारा दिखाए गए सदमार्ग पर चलने
का आह्वान किया। उन्होंने बताया कि अग्रोहा रोड पर लांदड़ी टोल प्लाजा के पास श्री
तिरुपति धाम की स्थापना त्रिदंडी जीयर स्वामी जी ने करवाई और देश-प्रदेश के श्रद्धालुओं
के लिए धर्म का मार्ग प्रशस्त किया।
प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव में हिस्सा लेने वाले श्रद्धालुओं ने धाम में स्थापित
श्री वेंकटेश भगवान जी, श्री पद्मावती माता जी, श्री गोदांबा माता जी, श्री गरुड़ जी,
श्री लक्ष्मी नृसिंह जी, श्री सुदर्शन जी, श्री रामानुज स्वामी जी, श्री शठकोप स्वामी
जी एवं श्री हनुमान जी के मंदिरों के भी दर्शन किए। इसके साथ ही श्रद्धालुओं को 42
फुट ऊंचे सोने के श्री गरुड़ स्तंभ, बलिपीठम्, श्री तिरुपति यज्ञशाला, श्री पुष्करणी
व 71 फुट ऊंचे गोपुरम के दर्शन का भी अवसर मिला।
(Udaipur Kiran) / राजेश्वर
