


गोरखपुर, 18 अगस्त (Udaipur Kiran) । आज दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्व विद्यालय, गोरखपुर के प्रशासनिक भवन परिसर में स्थित दीनदयाल उपाध्याय शोधपीठ में विश्वविद्यालय के मध्यकालीन एवं आधुनिक इतिहास विभाग के वरिष्ठ प्रोफेसर प्रो. हिमांशु चतुर्वेदी को भारतीय उच्च अध्ययन संस्थान, शिमला के निदेशक नियुक्त किए जाने पर अभिनंदन समारोह का आयोजन किया गया। इतिहास विभाग एवं दीनदयाल उपाध्याय शोधपीठ द्वारा आयोजित इस कार्यक्रम की अध्यक्षता विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो. पूनम टंडन ने की।
कार्यक्रम का शुभारंभ इतिहास विभाग के विभागाध्यक्ष प्रो. मनोज कुमार तिवारी के स्वागत उद्बोधन के साथ हुआ। अपने स्वागत उद्बोधन में प्रो. तिवारी ने कार्यक्रम में सम्मिलित सभी आगंतुकों का स्वागत करते हुए प्रो. हिमांशु का अभिनंदन किया एवं उनके शैक्षिक एवं अकादमिक यात्रा को स्मरण किया। प्रो. तिवारी ने प्रो. हिमांशु को नए दायित्व की बधाई देने के साथ ही उनके पूर्व की उपलब्धियों को याद किया तथा आगामी अवसरों के लिए शुभकामनाएं भी प्रेषित कीं।
तत्पश्चात विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो. पूनम टंडन ने अपने अध्यक्षीय भाषण में प्रो. हिमांशु को नए दायित्व की बधाई एवं शुभकामनाएं प्रेषित कीं। कुलपति टंडन ने कहा कि यह ना सिर्फ प्रो. हिमांशु की व्यक्तिगत सफलता है बल्कि पूरा विश्वविद्यालय भी इससे गौरवांवित है तथा लाभान्वित होगा।
कार्यक्रम के अगले क्रम में विश्वविद्यालय के प्रति कुलपति प्रो. शांतनु रस्तोगी ने भी प्रो. हिमांशु के नए अकादमिक यात्रा के लिए शुभकामनाएं प्रेषित कीं।
कार्यक्रम के अगले क्रम में भारतीय उच्च अध्ययन संस्थान, शिमला के निदेशक प्रो. हिमांशु ने कार्यक्रम में उपस्थित सभी अतिथियों को धन्यवाद ज्ञापित करते हुए कहा कि मेरे अकादमिक यात्रा का शुभारम्भ दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय से हुआ था और मेरी पहचान सबसे पहले विश्वविद्यालय के आचार्य के रूप में ही है।
इसी क्रम में कार्यक्रम में उपस्थित विश्वविद्यालय के तमाम आचार्यों ने पुष्पगुच्छ देकर प्रो हिमांशु का स्वागत एवं अभिनंदन किया।
कार्यक्रम के अगले क्रम में विश्वविद्यालय के कई आचार्यों ने इस अवसर पर अपना वक्तव्य रखा। इनमें प्रो. सूर्यकांत त्रिपाठी, प्रो. अमित उपाध्याय, प्रो. रजनीकांत, प्रो. संजय बैजल, प्रो. सुधीर श्रीवास्तव, श्री सर्वेश शुक्ला, श्री ज्ञान मिश्र, श्री धर्मव्रत तिवारी, प्रो. द्वारिकानाथ तथा जावेद खान शामिल रहे। कार्यक्रम के आभार ज्ञापन तथा समापन भाषण के लिए दीनदयाल उपाध्याय शोधपीठ की नव नियुक्त निदेशिका प्रो. सुषमा पांडेय ने अपना वक्तव्य रखा। इस अवसर पर इतिहास विभाग की वरिष्ठ प्रोफेसर प्रो. निधि चतुर्वेदी, डॉ. श्वेता, डॉ. सुनीता, डॉ. आशीष कुमार सिंह एवं विभाग के सभी शोधार्थी तथा विश्वविद्यालय के कई आचार्य उपस्थित रहे।
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(Udaipur Kiran) / प्रिंस पाण्डेय
