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रेलवे ट्रैक के बीच पहली बार सोलर पैनल की स्थापना

वाराणसी स्थित बनारस लोकोमोटिव वर्क्स (बीएलडब्ल्यू) में सक्रिय रेलवे ट्रैक के बीच  लगाया गया रिमूवेबल सोलर पैनल सिस्टम

नई दिल्ली, 18 अगस्त (Udaipur Kiran) । वाराणसी स्थित बनारस लोकोमोटिव वर्क्स (बीएलडब्ल्यू) ने भारतीय रेलवे में एक अनोखी पहल करते हुए यहां 70 मीटर लंबे सक्रिय रेलवे ट्रैक (लाइन संख्या 19) के बीच 15 किलोवाट क्षमता का रिमूवेबल सोलर पैनल सिस्टम स्थापित किया गया है। यह देश का पहला ऐसा प्रयोग है जिसमें बिना रेल संचालन प्रभावित किए पैनल लगाए गए हैं।

रेल मंत्रालय ने सोमवार को सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स पर सोलर पैनल की कुछ तस्वीरें साझा करते हुए पोस्ट किया कि भारतीय रेलवे ने एक ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल की है। बनारस लोकोमोटिव वर्क्स ने रेलवे पटरियों के बीच भारत का पहला 70 मीटर लंबा रिमूवेबल सोलर पैनल सिस्टम (28 पैनल, 15 किलोवाट पावर) स्थापित किया है जो हरित और टिकाऊ रेल परिवहन की दिशा में एक कदम है।

रेल अधिकारियों के अनुसार, पैनल विशेष रूप से डिज़ाइन किए गए हैं ताकि उन्हें आसानी से हटाया और लगाया जा सके। ट्रैक से आसानी से हटाने के लिए 4 एसएस एलन बोल्ट का उपयोग किया गया है। इससे न सिर्फ ट्रैक की देखभाल और मरम्मत में सुविधा होगी बल्कि पैनलों की सफाई और रखरखाव भी सरल रहेगा। ट्रेनों से उत्पन्न कंपन को रोकने के लिए रबर माउंटिंग पैड और एपॉक्सी एडहेसिव का उपयोग किया गया है। तकनीकी रूप से यह प्रोजेक्ट प्रति किलोमीटर प्रतिदिन 880 यूनिट बिजली उत्पादन की क्षमता रखता है। अनुमान है कि इसकी लागत की भरपाई लगभग सात वर्षों में हो जाएगी।

अधिकारियों ने कहा कि इस परियोजना की सबसे बड़ी खासियत यह है कि इसमें किसी अतिरिक्त भूमि की आवश्यकता नहीं है, क्योंकि रेलवे ट्रैक के बीच की खाली जगह का उपयोग किया जा रहा है। भविष्य में यदि भारतीय रेलवे अपने 1.2 लाख किलोमीटर लंबे नेटवर्क पर इस तकनीक को अपनाता है तो सालाना लाखों यूनिट हरित ऊर्जा उत्पन्न की जा सकती है। यह प्रयास रेलवे को हरित ऊर्जा की दिशा में आत्मनिर्भर बनाने और शून्य कार्बन उत्सर्जन की ओर महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है।

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(Udaipur Kiran) / सुशील कुमार

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