HimachalPradesh

हिमाचल में भूस्खलन से दो नेशनल हाईवे और 387 सड़कें बंद, 24 अगस्त तक येलो अलर्ट

शिमला में वर्षा

शिमला, 18 अगस्त (Udaipur Kiran) । हिमाचल प्रदेश में मॉनसून के सक्रिय तेवर जारी हैं और फिलहाल इससे राहत मिलने की कोई संभावना नहीं है। मौसम विज्ञान केंद्र शिमला ने प्रदेश में अगले एक सप्ताह तक भारी बारिश की चेतावनी जारी की है। विभाग ने 24 अगस्त तक येलो अलर्ट जारी रखते हुए 18 से 20 अगस्त तक गरज-चमक व अंधड़ के साथ भारी वर्षा और 21 अगस्त को अंधड़ चलने की संभावना जताई है। इसके बाद 22 से 24 अगस्त तक एक बार फिर भारी वर्षा का येलो अलर्ट जारी किया गया है। लगातार हो रही बारिश से प्रदेश में जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है।

बीते चौबीस घंटों में सिरमौर के धौलाकुआं में सर्वाधिक 113 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गई, जबकि जोत और मेलरान में 70-70, पालमपुर में 58 और जतौन वेरेज में 49 मिलीमीटर वर्षा दर्ज हुई।

भारी बारिश और भूस्खलन के कारण सड़क यातायात पूरी तरह चरमरा गया है। राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र के अनुसार सोमवार शाम तक प्रदेश में दो नेशनल हाईवे और 387 सड़कें बाधित रहीं। इनमें अकेले मंडी जिले में 192 सड़कें, कुल्लू में 103, कांगड़ा में 26, सिरमौर में 29 और शिमला में 11 सड़कें बंद हैं। कुल्लू में एनएच-305 और मंडी में एनएच-21 पर यातायात पूरी तरह ठप हो गया है। इस बीच शिमला–मंडी सड़क भी सतलुज नदी की तेज धारा से हुए कटाव के कारण गंभीर रूप से क्षतिग्रस्त हो चुकी है। आरडी 51/555 पर सड़क की चौड़ाई घटकर मात्र डेढ़ मीटर रह गई है, जिससे वाहन चलाना असुरक्षित हो गया है। यह मार्ग 51/000 से 52/000 तक सभी वाहनों के लिए अगले आदेश तक बंद रहेगा, जबकि वैकल्पिक थाली ब्रिज मार्ग भी क्षतिग्रस्त होने से इस समय कोई विकल्प उपलब्ध नहीं है।

भारी बारिश ने प्रदेश में बिजली और पेयजल आपूर्ति पर भी बुरा असर डाला है। राज्य भर में 760 ट्रांसफार्मर ठप हो गए हैं, जिनमें से 499 केवल कुल्लू में और 245 मंडी में प्रभावित हुए हैं। इसके अलावा 186 पेयजल योजनाएं भी बाधित हुई हैं, जिनमें सिरमौर की 46, मंडी की 44 और कांगड़ा की 41 योजनाएं शामिल हैं। प्रदेश में अब तक इस मानसून सीजन में 268 लोगों की मौत हो चुकी है, 37 लोग लापता हैं और 332 लोग घायल हुए हैं। मृतकों में मंडी में सबसे ज्यादा 47, कांगड़ा में 41, चंबा में 33, शिमला में 26, किन्नौर में 24 और कुल्लू में 23 लोग शामिल हैं। अब तक 2540 मकान क्षतिग्रस्त हो चुके हैं, जिनमें 604 पूरी तरह ढह गए हैं। 362 दुकानें और 2274 पशुशालाएं भी नष्ट हो गई हैं। केवल मंडी जिले में ही 1296 मकान, 287 दुकानें और 1219 पशुशालाएं तबाह हुई हैं।

लगातार हो रहे भूस्खलन और बारिश से अब तक 1626 पशुओं और 25,755 पोल्ट्री पक्षियों की मौत हो चुकी है। सरकारी आकलन के अनुसार हिमाचल प्रदेश को इस मानसून सीजन में अब तक 2194 करोड़ रुपये का नुकसान हो चुका है। इसमें लोक निर्माण विभाग को 1216 करोड़ और जलशक्ति विभाग को 716 करोड़ रुपये का सबसे अधिक नुकसान झेलना पड़ा है।

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(Udaipur Kiran) / उज्जवल शर्मा

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