West Bengal

चुनाव आयोग की ओर से बूथ एजेंटों की जानकारी मांगने पर हाई कोर्ट पहुंची तृणमूल

कोलकाता, 18 अगस्त (Udaipur Kiran) । पश्चिम बंगाल में अगले वर्ष 2026 में होने वाले विधानसभा चुनावों से पहले बूथ स्तरीय एजेंटों (बीएलए) की जानकारी राजनीतिक दलों से मांगने के चुनाव आयोग के फैसले के खिलाफ तृणमूल कांग्रेस ने सोमवार को कलकत्ता उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया है।

तृणमूल कांग्रेस ने एकल पीठ के समक्ष दाखिल याचिका में दावा किया कि चुनाव से इतने पहले यह जानकारी मांगना चुनाव आयोग के अधिकार क्षेत्र में नहीं आता है। यह मामला न्यायमूर्ति अमृता सिन्हा की अदालत में सुनवाई के लिए आया। आयोग पहले ही संकेत दे चुका है कि राज्य में विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) जल्द शुरू हो सकता है, इसी संदर्भ में यह मामला महत्वपूर्ण माना जा रहा है।

सोमवार को सुनवाई के दौरान न्यायमूर्ति सिन्हा ने सवाल किया कि क्या केवल तृणमूल कांग्रेस ही आयोग के इस कदम से प्रभावित हुई है या अन्य दलों पर भी इसका असर पड़ा है। न्यायालय ने पूछा, आप अकेले क्यों आए हैं? इस पर तृणमूल कांग्रेस के वकील ने कहा कि संभव है अन्य दलों ने इस आदेश को स्वीकार कर लिया हो, लेकिन वे इसे चुनौती दे रहे हैं।

पार्टी ने मामले की त्वरित सुनवाई की मांग भी की थी, लेकिन अदालत ने इसे फास्ट-ट्रैक आधार पर सुनने से इनकार कर दिया।

पश्चिम बंगाल में अगले साल विधानसभा चुनाव होने वाले हैं और उससे पहले एसआईआर की प्रक्रिया शुरू होने की संभावना है। चुनाव आयोग की ओर से बूथ एजेंटों के नाम मांगे जा रहे हैं, जिसका तृणमूल कांग्रेस लगातार विरोध कर रही है। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी का कहना है कि यह प्रक्रिया वास्तव में राज्य में एनआरसी लागू करने की कवायद है। उन्होंने हाल ही में कहा था, किसी भी परिस्थिति में हम एनआरसी लागू नहीं होने देंगे और न ही राज्य में डिटेंशन कैंप बनने देंगे। अगर ऐसा करने की कोशिश हुई तो कड़ा प्रतिरोध होगा।

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(Udaipur Kiran) / ओम पराशर

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