Uttrakhand

उत्तराखंड में आपातकाल के दौरान जेल जाने वालाें को पेंशन देने की तैयारी

बैठक में निर्देश देते मुख्यमंत्री धामी।

देहरादून, 18 अगस्त (Udaipur Kiran) । उत्तराखंड की धामी सरकार आपातकाल के दौरान जेल जाने वाले लोकतंत्र सेनानियों को पेंशन या हर माह आर्थिक सहायता देने जा रही है। इस प्रस्ताव को धामी कैबिनेट ने मंजूरी दी गई है। अब इसे विधानसभा में पेश किया जाएगा।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने 25 जून को आपातकाल के पचास साल पूरे होने पर एक घोषणा की थी कि सरकार ऐसे लोगों को आर्थिक सहायता देगी,

जिन्होंने इमरजेंसी के दौरान जेल में सजा काटी और यातनाएं झेली थीं। राज्य सरकार ने इसके लिए गृह मंत्रालय काे कार्ययोजना बनाने को कहा था। धामी कैबिनेट ने इस आशय के प्रस्ताव को पारित कर दिया है और अब विधानसभा से इसे मंजूर करवाना है। संभवतः गैरसैण में हो रहे सत्र में इसे मंजूरी मिल जाएगी। ये धनराशि कितनी होगी, इस बारे में सरकार ने अभी कोई जानकारी नहीं दी है।

उल्लेखनीय है कि 25 जून 1975 को देश में इंदिरा गांधी की सरकार ने आपातकाल लगाया था और राष्ट्रपति फखरूद्दीन अली अहमद ने इसे मंजूरी दी थी। लगभग 21 माह के आपातकाल के दौरान जनसंघ, आरएसएस संगठन सहित विपक्षी दलों के नेताओं को जेलों में बंद कर उन्हें यातनाएं दी गई थी। उत्तराखंड के भी बहुत से लोगों ने जेलो में यातनाएं झेली थीं। मोदी सरकार ने 25 जून को संविधान हत्या दिवस के रूप में मनाने का ऐलान किया था, इसी क्रम में देश भर में भाजपा ने कार्यक्रम कर अपने पूर्व संगठन जनसंघ के लोकतंत्र सेनानियों का परिवार सहित के सम्मान किया था।

दरअसल, मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा था कि कांग्रेस ने इमरजेंसी लगा कर हमारे वरिष्ठ कार्यकर्ताओं पर अत्याचार किए थे। संविधान की हत्या करने वाली इंदिरा सरकार ने समाज पर जुल्म ढाए थे। जनसंघ में रहे ऐसे वरिष्ठ जन लोकतंत्र सेनानी हैं, हमारी सरकार इनकी चिंता करती है। मुख्यमंत्री की इसी

घाेषणा के अनुरूप अब उत्तराखंड में भी बिहार और अन्य राज्यों की तरह पेंशन दिए जाने की योजना पर काम चल रहा है।

(Udaipur Kiran) / विनोद पोखरियाल

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