
भोपाल, 18 अगस्त (Udaipur Kiran) । मध्य प्रदेश में मानसून की सक्रियता ने कई जिलों में जनजीवन को अस्त-व्यस्त कर दिया है। प्रदेश के 14 जिलों में मौसम विभाग ने सोमवार को भारी बारिश का अलर्ट जारी किया है जिनमें देवास, हरदा, खंडवा और बुरहानपुर ऐसे जिले हैं जहां अगले चौबीस घंटों में अति भारी बारिश की संभावना जताई गई है। इंदौर, नर्मदापुरम, जबलपुर और भोपाल संभाग के अन्य दस जिलों में भी भारी बारिश की चेतावनी दी गई है। प्रदेश में अब तक औसतन 31.3 इंच बारिश दर्ज की जा चुकी है जो सामान्य से 6.1 इंच ज्यादा है।
भारतीय मौसम विभाग के अनुसार मानसून ट्रफ प्रदेश के पश्चिमी और दक्षिणी हिस्से से गुजर रही है और इसी के साथ लो प्रेशर एरिया भी दक्षिणी भागों में सक्रिय है जिसकी वजह से लगातार तेज बारिश का दौर बना हुआ है। यह सिलसिला अगले दो से तीन दिन तक जारी रहने की संभावना है। रविवार को भी प्रदेश के कई हिस्सों में झमाझम बारिश हुई जिसने एक ओर जहां लोगों को उमस से राहत दी वहीं कई जगह जलभराव से लोगों को परेशानी भी हुई।
मौसम वैज्ञानिक शिवांग बाकोड़े ने सोमवार को बताया कि बालाघाट, डिंडोरी, उत्तरी मंडला, बुरहानपुर में बिजली चमकने और गरज के साथ बारिश जारी रहने की संभावना है। साथ ही दक्षिणी मंडला-कान्हा, अनुपपुर-अमरकंटक, शहडोल, उमरिया-बांधवगढ़, जबलपुर-भेड़ाघाट, नरसिंहपुर, सिवनी, छिंदवाड़ा, पांढुर्ना-पेंच, बैतूल, नर्मदापुरम-पचमढ़ी, रायसेन-भीमबेटका, सीहोर, हरदा, खंडवा-ओंकारेश्वर में हल्की बारिश जारी रहने की संभावना है। देर रात खरगोन-महेश्वर, बड़वानी-बावनगजा, अलीराजपुर, गुना, श्योपुर कलां, भिंड, निवाड़ी-ओरछा, टीकमगढ़, छतरपुर-खजुराहो, सागर, सीधी में बारिश हुई है।
खरगोन जिले में रूपारेल नदी में अचानक आई बाढ़ का कहर देखने को मिला, जबकि बड़वानी के सेंधवा और निवाली क्षेत्रों में तेज बारिश से कॉलोनियों में पानी भर गया और घरों तक पानी घुस आया जिससे लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचना पड़ा। मुंबई-आगरा नेशनल हाईवे के बिजासन घाट में रविवार दोपहर को हुई तेज बारिश ने यातायात को प्रभावित किया, पहाड़ी से उतरते पानी के कारण सड़क फिसलन भरी हो गई और वाहनों की रफ्तार कम करनी पड़ी। श्योपुर में झमाझम बारिश ने लोगों को गर्मी और उमस से राहत दी तो धार के पीथमपुर औद्योगिक क्षेत्र में पानी भरने से फैक्टरियों के संचालन पर असर पड़ा।
राजधानी भोपाल में रविवार को बारिश नहीं हुई और धूप खिली रही जिससे उमस और गर्मी बढ़ी, वहीं दतिया, गुना, दमोह, जबलपुर और नर्मदापुरम जिलों में हल्की से मध्यम बारिश दर्ज की गई। खंडवा में लगभग पौन इंच बारिश रिकॉर्ड की गई। मौसम विभाग के मुताबिक प्रदेश के कई जिलों में सामान्य से अधिक बारिश हो चुकी है। औसत बारिश जहां 25.2 इंच के आसपास होती है वहीं इस बार 31.3 इंच दर्ज की गई है। यानी अब तक 6.1 इंच अतिरिक्त पानी बरस चुका है। पश्चिमी और दक्षिणी हिस्सों में तो कई जिलों में औसत से 30 से 40 प्रतिशत अधिक बारिश दर्ज हो चुकी है। हालांकि पूर्वी इलाकों में अब भी सामान्य से कम बारिश हुई है और वहां की फसलों को सिंचाई पर निर्भर रहना पड़ रहा है। वहीं, दूसरी ओर लगातार भारी बारिश से कई क्षेत्रों में किसानों की चिंता भी बढ़ गई है, जबकि नर्मदापुरम और बैतूल जिलों में धान की फसल को इस बारिश से फायदा हो रहा है।
दूसरी ओर प्रशासन ने संभावित आपदा को देखते हुए सभी जिलों के कलेक्टरों को अलर्ट मोड पर रखा है और एसडीआरएफ की टीमों को भी सक्रिय किया गया है। निचले इलाकों में पानी भरने की स्थिति में लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जा रहा है।
मौसम वैज्ञानिकों का कहना है कि दक्षिणी मध्यप्रदेश में लो प्रेशर एरिया एक्टिव है और अगले तीन दिन तक इसका असर देखने को मिलेगा जिससे इंदौर, उज्जैन, नर्मदापुरम और भोपाल संभाग में भारी से अति भारी वर्षा का दौर जारी रहेगा। लगातार हो रही बारिश से जनजीवन अस्तव्यस्त है, कई जगह यातायात प्रभावित है, निचले इलाकों में जलभराव की स्थिति बनी हुई है और ग्रामीण क्षेत्रों में कच्चे मकानों के ढहने की खबरें भी आ रही हैं। नगर निगम और पंचायतों की टीमें राहत कार्यों में जुटी हुई हैं, वहीं नदी-नालों और बांधों के जलस्तर पर कड़ी नजर रखी जा रही है। लोगों से अपील की जा रही है कि वे सावधानी बरतें और बिना जरूरत के निचले क्षेत्रों में आवाजाही न करें।
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(Udaipur Kiran) / डॉ. मयंक चतुर्वेदी
