
सिवनी, 17 अगस्त (Udaipur Kiran) । मई 2018 से लेकर आज तक सिवनी जिला कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष के रूप में सेवा करना मेरे जीवन की सबसे मूल्यवान यात्राओं में से एक रहा है। यह पद मेरे लिए कभी सिर्फ़ एक कुर्सी नहीं था। यह मेरा धर्म, मेरी ज़िम्मेदारी और मेरा सपना था, संगठन को एकजुट करना, कार्यकर्ताओं की गरिमा बहाल करना और कांग्रेस पार्टी की विचारधारा को जिले के हर घर तक पहुँचाना। यह बात मध्य प्रदेश के सिवनी जिले के कांग्रेस के पूर्व जिलाध्यक्ष राजकुमार (पप्पू) खुराना ने रविवार को एक बयान में कही है।
खुराना ने कहा कि जब मैंने कार्यभार संभाला, संगठन छोटे-छोटे गुटों में बंटा हुआ था। यह देखकर मुझे पीड़ा होती थी, लेकिन मैंने निश्चय किया कि सभी को एक सूत्र में पिरोऊँगा। रास्ता आसान नहीं था। कभी व्यक्तिगत महत्वाकांक्षाएँ टकराईं, कभी अहंकार ने एकता को चुनौती दी, लेकिन पार्टी अनुशासन के लिए मैंने कभी कठिन निर्णय लेने से परहेज़ नहीं किया। समय ने साबित किया कि वे निर्णय सही थे। कार्यकाल शुरू होने के केवल दो महीने बाद, जुलाई 2018 में जब भाजपा सत्ता में थी हमने “इंदिरा भवन” जिला कांग्रेस कार्यालय के निर्माण की शुरुआत आप सभी साथियों के सहयोग से की,आज यह भवन केवल ईंट-पत्थर का ढांचा नहीं है ,यह हमारी एकजुटता, मेहनत और त्याग का जीवित प्रतीक है।
उन्होंने कहा कि दिसंबर 2018 में कांग्रेस सरकार बनने के बाद, मैंने स्पष्ट दृष्टि के साथ कार्यकर्ताओं का खोया हुआ आत्मसम्मान और मनोबल बहाल करने का काम शुरू किया। हमने सब्ज़ी मंडी को नगरपालिका क्षेत्र से नागपुर रोड पर स्थानांतरित किया, जिससे किसानों को बेहतर पहुँच और नए रोज़गार के अवसर मिले। हमने स्थानीय मंदिरों के प्रबंधन में सुधार किया, तत्कालीन मुख्यमंत्री कमलनाथ की मदद से ज़रूरतमंदों के लिए लाखों रुपये की चिकित्सीय सहायता दिलवाई, और जिले के विकास के लिए करोड़ों रुपये की स्वीकृति सुनिश्चित कराई। इसी अवधि में इंदिरा गांधी जिला अस्पताल का जीर्णाेद्धार भी पूरा हुआ।
राजकुमार खुराना ने बताया कि फिर आया सबसे कठिन समय कोविड-19, मैंने पूरी तरह से जनता की सेवा में खुद को झोंक दिया , भोजन, दवाइयाँ, ऑक्सीजन और राहत सामग्री की व्यवस्था की। इसी दौरान मुझे अपना सबसे बड़ा व्यक्तिगत नुकसान झेलना पड़ा , मेरे पिता का कोविड से निधन हो गया, और केवल तीन महीने बाद मेरी छोटी बहन भी हमसे बिछड़ गईं। दिल टूट गया, लेकिन हौसला नहीं टूटा। मैंने सेवा की वही भावना बनाए रखी, क्योंकि मैं मानता हूँ कि संकट के समय नेतृत्व की असली पहचान सेवा ही है।
उन्होंने कहा कि संगठन निर्माण अभियान के दौरान, मुझे अधिकांश पार्टी कार्यकर्ताओं का जो प्यार, विश्वास और आशीर्वाद मिला, वह मेरे जीवन का सबसे बड़ा सम्मान है। राजनीति हमेशा बदलती रहती है और यह स्वाभाविक है। मैं नव नियुक्त जिला अध्यक्ष को हार्दिक शुभकामनाएँ देता हूँ। मैं पार्टी नेतृत्व का गहरा आभारी हूँ कि उन्होंने मुझे यह ज़िम्मेदारी बिना किसी जातिगत लाभ के सौंपी और अपनी क्षमता साबित करने का अवसर दिया। मैं हर उस कार्यकर्ता को धन्यवाद देता हूँ जो हर तूफ़ान में मेरे साथ खड़ा रहा, उन प्रशासनिक अधिकारियों और पत्रकार मित्रों को धन्यवाद देता हूँ जिन्होंने हमारे मिशन में सहयोग दिया, और उन सभी का आभार मानता हूँ जिन्होंने अपने-अपने तरीके से इस यात्रा में योगदान दिया।
(Udaipur Kiran) / रवि सनोदिया
