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बरसात के मौसम में बुखार व जोड़ दर्द को नजरअंदाज न करें : डॉ. गोपाल चौहान

बीएमओ करसोग डा. गोपाल चाैहान।

मंडी, 17 अगस्त (Udaipur Kiran) । मंडी जिला के करसोग खंड चिकित्सा अधिकारी डॉ गोपाल चौहान ने बताया कि करसोग क्षेत्र में पिछले कुछ दिनों से बुखार और उल्टी दस्त के मरीजों की संख्या में वृद्धि हो रही है । उन्होंने बताया कि बुखार का मुख्य कारण स्क्रब टायफस और टाइफायड है । जबकि उल्टी-दस्त का मुख्य कारण दूषित पानी का सेवन है । बीएमओ करसोग ने बताया कि बरसात में बुखार व जोड़ दर्द को नजरअंदाज न करें। उन्होंने बताया कि इन बीमारियों का इलाज संभव है लेकिन लोगों को इनके प्रति जागरुक होने की जरूरत है।उन्होंने बताया कि स्क्रब टायफस जंगली चूहों में पाए जाने वाले पिस्सू के काटने से होता है और ये चूहे खेतों और हरी घास में पाए जाते है । उन्होंने बताया कि गांव के लोगों को प्रतिदिन खेतों में पशुओं के लिए घास लाने जाना पड़ता है। इसलिए उन्हें अधिक सतर्क रहने की आवश्यकता होती है। उन्होने लोगों से आग्रह किया है कि खेतों में कार्य करते समय और घास में जाने से पहले अपने शरीर को अच्छी तरह ढक ले । पूरे बाजू वाले कपड़े पहने और हो सके तो दस्ताने पहने । खेत और घास से लौटने के बाद नहाना सुनिश्चित करें ताकि शरीर साफ रहे और उसमें कोई कीटाणु या जीव न रहे । उन्होंने बताया कि इस प्रकार से हम स्क्रब टायफस की बीमारी से बच सकते है । उन्होंने बताया कि टाइफाइड की बीमारी संक्रमित या बासी भोजन करने से भी होता है बरसात के मौसम में खाना जल्दी खराब हो जाता है और उसमें कीटाणु पैदा हो जाते है, जिससे टाइफाइड होने का खतरा बढ़ जाता है । बुखार, जोड़ दर्द और पेट दर्द होना टाइफाइड के लक्षण हैं। उन्होंने बताया कि जब भी भोजन करना हो, ताजे भोजन का सेवन करें और खाने की चीजों को ढक कर रखे या फ्रिज में रखे, इससे भोजन में कीटाणु पैदा नहीं होते । डॉ. गोपाल चौहान ने बताया कि भारी बरसात होने के कारण पानी के सभी स्रोत दूषित हो रहे है । दूषित पानी पीने से उल्टी और दस्त होना स्वाभाविक है । इससे बचाव के लिए यह जरूरी है कि पीने के पानी को कम से कम 10 मिनट तक उबाल लें और फिर ठंडा होने पर ही उसका सेवन करें। उन्होंने लोगों से आग्रह किया है कि यदि किसी को भी उल्टी , दस्त , बुखार और जोड़ दर्द की शिकायत हो तो अपने नज़दीकी स्वास्थ्य संस्थान में संपर्क करें। उन्होंने लोगों से यह भी आग्रह किया है कि हाथों और खाने के बर्तनों की सफाई का विशेष ध्यान रखें और ज्यादा बुखार होने पर ठंडे पानी की पट्टी करें । उल्टी-दस्त होने पर ओ आर एस या नमक चीनी का घोल बना कर उसका सेवन करें और रोगी को नजदीकी अस्पताल ले जा कर उसका उपचार करवाए।

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(Udaipur Kiran) / मुरारी शर्मा

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