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अमेरिका ने यूक्रेन के लिए नाटो-शैली की संयुक्त सुरक्षा गारंटी का रखा प्रस्ताव : जॉर्जिया मेलोनी

कीव, 16 अगस्त (Udaipur Kiran) । इटली की प्रधानमंत्री जॉर्जिया मेलोनी और एक राजनयिक सूत्र के अनुसार, अमेरिका ने यूक्रेन के लिए ऐसी सुरक्षा गारंटी का प्रस्ताव रखा है, जो नाटो सदस्य देशों की सामूहिक रक्षा संधि (आर्टिकल 5) जैसी होगी, लेकिन उससे अलग होगी।

यह प्रस्ताव अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और यूक्रेन के राष्ट्रपति वलोडिमिर जेलेंस्की के बीच 16 अगस्त को हुई बातचीत के दौरान सामने आया। इस कॉल में कई यूरोपीय नेता भी शामिल थे। इससे एक दिन पहले ही ट्रंप ने रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से शिखर वार्ता की थी।

राजनयिक सूत्रों का कहना है कि अमेरिकी पक्ष ने “गैर-नाटो आर्टिकल 5 प्रकार की गारंटी” का सुझाव दिया, जिस पर पुतिन से सहमति होने की बात कही गई। नाटो का आर्टिकल 5 सिद्धांत कहता है कि किसी एक सदस्य देश पर हमला सभी सदस्य देशों पर हमला माना जाएगा और सभी उसकी रक्षा करेंगे।

प्रधानमंत्री मेलोनी ने पुष्टि की कि राष्ट्रपति ट्रंप ने सुरक्षा गारंटी का विचार रखा था, जो आर्टिकल 5 से “प्रेरित” था। उन्होंने कहा कि इसका उद्देश्य एक सामूहिक सुरक्षा प्रावधान तय करना है, जिससे यूक्रेन को उसके सभी साझेदारों, जिनमें अमेरिका भी शामिल है, का समर्थन मिल सके और किसी हमले की स्थिति में वे कार्रवाई के लिए तैयार हों।

हालांकि मेलोनी ने यह भी कहा कि यह गारंटी युद्ध छेड़े बिना भी लागू हो सकती है। उन्होंने इटली की सीनेट में पहले कहा था कि नाटो का आर्टिकल 5 सैन्य बल के इस्तेमाल का विकल्प देता है, लेकिन यह एकमात्र विकल्प नहीं है।

इस संयुक्त सुरक्षा प्रस्ताव पर ट्रंप ने पहले जेलेंस्की से अकेले चर्चा की और फिर यूरोपीय नेताओं के साथ हुई संयुक्त बातचीत में भी इसे दोहराया। लेकिन अभी यह स्पष्ट नहीं है कि यह व्यवस्था किस रूप में लागू होगी और पुतिन क्यों इसे मानेंगे, जबकि वे नाटो और यूक्रेन की संप्रभुता की ठोस गारंटी दोनों के ही खिलाफ हैं।

राष्ट्रपति जेलेंस्की 18 अगस्त को वॉशिंगटन में राष्ट्रपति ट्रंप से मुलाकात करेंगे। इस दौरान उनके बीच संभावित ट्रंप-पुतिन-जेलेंस्की शिखर सम्मेलन के प्रारूप, यूरोपीय सहयोगियों की भूमिका, शांति वार्ता और सुरक्षा गारंटियों पर चर्चा होने की संभावना है।

उल्लेखनीय है कि यूक्रेन लंबे समय से नाटो में शामिल होने की आकांक्षा रखता है, जबकि रूस ने इसे युद्ध का एक कारण बताया है और कई पश्चिमी हलकों में भी इस पर आपत्ति जताई जाती रही है। राष्ट्रपति ट्रंप कई बार कह चुके हैं कि यूक्रेन नाटो का सदस्य नहीं बनेगा।

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(Udaipur Kiran) / आकाश कुमार राय

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