
बांके बिहारी मंदिर में श्रीकृष्ण के लिए कटेगा केकहमीरपुर,16 अगस्त (हि.सं.)। उत्तर प्रदेश के हमीरपुर जिले में दस हजार की आबादी वाले एक गांव में सैकड़ों साल पुराने बांके बिहारी मंदिर में आज रात श्रीकृष्ण का जन्मदिन अनोखी ढंग से मनाए जाने की तैयारी की गई है। यहां श्रीकृष्ण के जन्मोत्सव पर केक कटेगा। खास बात यह है कि जन्मोत्सव पर गांव की महिलाएं ढोलक बजाकर शोहर गाएंगी।
हमीरपुर जिले के मुस्करा क्षेत्र के गहरौली गांव में बांके बिहारी जू मंदिर स्थित है। इसका इतिहास भी सदियों पुराना है। मंदिर में पहले अवध बिहारी महंत पूजा पाठ करते थे बाद में राजा भइया दीक्षित मंदिर की देखरेख कर रहे है। समचे क्षेत्र का यही एक मंदिर है जो स्वतंत्रता संग्राम के क्रांतिकारियों के अतीत को संजोए है। मंदिर के महंत ने बताया कि मंदिर के तहखाने में क्रांतिकारियों ने अंग्रेजों को वीरभूमि से भगाने के लिए रणनीति बनाई थी। यहां से अंग्रेजों के खिलाफ क्रांतिकारी बैठक कर आंदोलन के लिए तानाबाना बुनते थे। बताया कि इसी मंदिर के तहखाने से बुंदेलखंड केसरी अखबार छपता था। क्रांतिकारी मन्नीलाल गुरुदेव के नेतृत्व में बैजनाथ पांडेय, जगरूप सिंह, नत्थू वर्मा यह अखबार चोरी छिपे निकालते थे। आम लोगों को अंग्रेजों से मोर्चा लेने के लिए यह अखबार जोश भरता था। अंग्रेज सैनिकों से बचने के लिए इसी मंदिर में सुरंग का इस्तेमाल क्रांतिकारी करते थे। सुरंग आज भी देखी जा सकती है। मंदिर के पुजारी ने बताया कि आज श्रीकृष्ण के जन्मोत्सव पर केक कटेगा। गांव की महिलाएं श्रीकृष्ण के प्रकटोत्सव पर शोहर गाएंगी।
भारतीय शिल्प कला का अनूंठा मिसाल कायम किए है मंदिरगहरौली गांव के धनीराम गुरुदेव ने मंदिर का निर्माण अठारह सौ बहतर में कराया था। चूना, मिट्टी, कंकरीट और पतथरों से निर्मित मंदिर में भारतीय शिल्प कला का अनूठा उदाहरण मंदिर में देखने को मिलता है। मंदिर की छत से सटे कंगूरे, प्रमुख द्वार से लेकर बांके बिहारी महाराज के सिंघासन तक फूल पत्ती, तैलीय चित्र व सनातनी देवी देवताओं की प्रतिमाएं अंकित है। मंदिर का शिखर भी पचास फीट ऊंचा है। जिसे पच्चीस गांव के लोग देख सकते है।
—————
(Udaipur Kiran) / पंकज मिश्रा
