
झज्जर, 16 अगस्त (Udaipur Kiran) । हरियाणा के झज्जर जिला के दूबलधन कॉलेज को दाेबारा से गौरवशाली स्थान दिलाने के लिए शनिवार को कॉलेज परिसर में ग्रामीणों ने पंचायत का आयोजन किया। पंचायत में लंबे विचार विमर्श के बाद कॉलेज के पुनरुत्थान के लिए 11 सदस्यों वाली कमेटी का गठन करके फैसला हुआ। यह तय किया गया कि पहले कॉलेज में विज्ञान संकाय शुरू करवाया जाए और उसके बाद कॉलेज को विद्यालय स्तर तक पहुंचाया जाए।
दूबलधन कॉलेज में सेवामुक्त एसडीओ नसीब सिंह की अध्यक्षता में हुई पंचायत में मेजबान गांव सहित आसपास के कई गांव के प्रमुख लोग शामिल हुए। पंचायत ने कॉलेज को इलाके की भावी पीढ़ी के निर्माण का एक आदर्श संस्थान स्थापित करने के लिए लंबा संघर्ष व योगदान करने का निर्णय लिया। सभी ने संकल्प लिया कि कॉलेज के सुधार व पुनरुत्थान के लिए हम अपने पूर्वजों की तरह तन मन धन से सहयोग और सेवा कार्य करेेंगे।
पंचायत की कार्रवाई का संचालन प्रोफेसर अजय कादयान ने किया। पंचायत ने कॉलेज के सुधार के लिए 51 सदस्यीय कार्यकारिणी और 11 सदस्यों वाली एकेडमी समिति बनाने का निर्णय लिया। यह समिति कॉलेज के उत्थान के लिए हर तरह के प्रयास करेगी। पंचायत में अपने विचार व्यक्त करते हुए नसीब सिंह ने कहा कि दूबलधन कॉलेज ने शिक्षा और खेल की अंतरराष्ट्रीय विभूतियों को तैयार करने में योगदान दिया है। यदि यह कॉलेज दोबारा अपने परम वैभव पर पंहुचता है तो इस इलाके की तरक्की को कोई नहीं रोक सकता। इस इलाके की तरक्की का रास्ता दूबलधन कॉलेज से होकर गुजरता है। उन्होंने बताया कि इस पंचायत ने श्रीकृष्ण जन्माष्टमी को शिक्षा सुधार पर्व के रूप में मनाने का निर्णय लेकर, एक इतिहास रचा है। जिससे हमारी भावी पीढ़ी का अच्छे तरीके से निर्माण होगा। शिक्षा मंदिरों से ही देश की तरक्की का रास्ता निकलता है।
महर्षि सांदीपिनी ऋषि के आश्रम और दुर्वासा ऋषि के आश्रम की तरह ही दूबलधन कॉलेज ने भी गरीबों के घरों में शिक्षा के उजियारे व सरस्वती मां का प्रसाद घर-घर तक पहुंचाने का काम किया है। यह कॉलेज कोई मामूली कॉलेज नहीं। इन्होंने अपने अर्ध शताब्दी के स्वर्णिम जीवन काल में समाज व राष्ट्र के लिए बड़ी संख्या में उपयोगी विभूतियां तैयार कीं। चाहे वह शिक्षा के क्षेत्र में हो, चाहे खेल के क्षेत्र में, रक्षा के क्षेत्र में हो, फौज में हो, हर जगह यहां से शिक्षित और दीक्षित विद्यार्थी समाज व देश की सेवा करते मिलेंगे। यहां से शिक्षा लेकर निकले हजारों लोग विभिन्न क्षेत्रों में देश व प्रदेश की सेवा कर रहे हैं। इस कॉलेज के संस्थापक स्तंभों को भी वक्ताओं द्वारा श्रध्दा सुमन अर्पित किए गए। हुकम सिंह प्रिंसिपल रजिस्ट्रार को वक्ताओं ने विशेष तौर पर श्रध्दा सुमन अर्पित किए।
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(Udaipur Kiran) / शील भारद्वाज
