
मंडी, 16 अगस्त (Udaipur Kiran) । अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रदेश और देश का नाम रौशन करने वाली सरकाघाट क्षेत्र के बडरेशा की दिव्यांग खिलाड़ी कुमारी पलक भारद्वाज ने मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू से मिली। राज्य स्तरीय स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर पलक ने मुख्यमंत्री से दूसरी बार मुलाकात में अपनी उपलब्धियों के अनुरूप पुरस्कार राशि, सरकारी नौकरी और सम्मान पाने की मांग दोहराई। हालांकि, मुख्यमंत्री ने पलक की उपलब्धियों की सराहना करते हुए हरसंभव सहायता का आश्वासन दिया है।
पलक भारद्वाज ने वर्ष 2015 में स्पेशल ओलंपिक वलर्ड समर गेम्स लॉस एंजिलिस, अमेरिका, 25 जुलाई – 2 अगस्त 2015 में रोलर स्केटिंग स्पर्धा में दो रजत पदक जीतकर भारत, विशेषकर हिमाचल प्रदेश के सरकाघाट का नाम अंतरराष्ट्रीय मंच पर चमकाया। मगर उसकी इस ऐतिहासिक उपलब्धि के 10 वर्ष बाद भी न तो राज्य सरकार से कोई उचित पुरस्कार राशि, न सरकारी नौकरी और न ही राज्य स्तरीय सम्मान प्राप्त हुआ है। वर्ष 2017 में तत्कालीन मंत्री धनी राम शांडिल द्वारा ऊना में 50,000 की प्रोत्साहन राशि दी गई थी, जो विश्व विजेता के लिए अपर्याप्त होने के कारण पलक ने तत्काल वापस कर दी। उस समय इनाम बढ़ाने का आश्वासन भी दिया गया था, लेकिन अब तक कोई ठोस निर्णय नहीं हुआ।
पलक के पिता भीम सिंह भारद्वाज का कहना है कि उसी ओलंपिक में दूसरे राज्यों के खिलाड़ियों को 15 से 20 लाख रुपए तक की पुरस्कार राशि दी गई, लेकिन हिमाचल में मात्र 50,000 रूपए क्यों। भीम सिंह भारद्वाज ने बताया कि मौके पर कांग्रेस के पूर्व महासचिव पवन ठाकुर भी पलक से मिले और उन्होंने आश्वासन दिया कि प्रोत्साहन राशि बढ़ाकर दी जाएगी और योग्यता अनुसार सरकारी नौकरी का प्रबंध किया जाएगा।
भीम सिंह भारद्वाज ने कहा कि पिछले 10 सालों में हम दोनों सरकारों के दरवाजे खटखटा चुके हैं। अगर अब भी सरकार पलक की अनदेखी करती है, तो हम उसके सारे पदक सरकार को वापस करने पर मजबूर होंगे।
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(Udaipur Kiran) / मुरारी शर्मा
