HimachalPradesh

एससी-एसटी आरक्षण में क्रीमीलेयर को हटाकर गरीबों को मिले असली हक : शांता कुमार

शांता कुमार (फाइल फोटो)

शिमला, 16 अगस्त (Udaipur Kiran) । पूर्व मुख्यमंत्री एवं पूर्व केंद्रीय मंत्री शांता कुमार ने कहा है कि देश में गरीबों की सहायता के नाम पर चल रही आरक्षण व्यवस्था में उसी जाति के कुछ गरीबों के साथ लगातार अन्याय हो रहा है। उन्होंने सर्वोच्च न्यायालय द्वारा एससी-एसटी आरक्षण में क्रीमीलेयर को हटाने संबंधी याचिका को विचारार्थ स्वीकार करने का स्वागत किया है।

शांता कुमार ने शनिवार काे एक बयान में इस याचिका को दायर करने वाले रामशंकर प्रजापति को बधाई दी और सर्वोच्च न्यायालय का आभार जताया। शांता कुमार ने कहा कि आरक्षित वर्गों में कुछ प्रभावशाली और सम्पन्न परिवारों ने बार-बार आरक्षण का लाभ उठाया है, जबकि उन्हीं वर्गों के अत्यंत गरीब परिवार अब भी उपेक्षित हैं। कई गांवों में एक ही परिवार से दो-तीन आईएएस अधिकारी बने हैं, जबकि उसी गांव में उसी जाति के अन्य गरीब आज भी बुनियादी सुविधाओं से वंचित हैं।

उन्होंने बताया कि सर्वोच्च न्यायालय पहले भी यह सुझाव दे चुका है कि आरक्षित वर्गों में क्रीमीलेयर को अलग किया जाना चाहिए। भाजपा इस सुझाव के पक्ष में थी, लेकिन अन्य दलों में इन वर्गों के प्रभावशाली नेताओं के विरोध के कारण निर्णय नहीं हो सका। शांता कुमार ने कहा कि जब हिमाचल प्रदेश और राजस्थान में उनकी सरकारों ने अंत्योदय योजना शुरू की थी, तब यह सिद्धांत अपने आप लागू हो गया था।

उन्होंने चिंता व्यक्त की कि देश में विकास तो हो रहा है, लेकिन आर्थिक विषमता भी तेजी से बढ़ रही है। भारत आज विश्व की तीसरी सबसे बड़ी आर्थिक शक्ति बन रहा है, फिर भी सबसे अधिक गरीब और भूखे लोग भारत में ही हैं। जब तक विकास में अंत्योदय की भावना नहीं जुड़ती, तब तक यह स्थिति बनी रहेगी।

शांता कुमार ने सर्वोच्च न्यायालय से अपील की है कि इस बार केवल सुझाव न देकर सरकार को स्पष्ट आदेश दे, जिससे आरक्षित वर्गों के सबसे गरीब लोगों को भी वास्तविक न्याय मिल सके।

—————

(Udaipur Kiran) शुक्ला

Most Popular

To Top