Uttar Pradesh

देश विभाजन के लिए कांग्रेस और मुस्लिम लीग जिम्मेदार : प्रकाश पाल

देश विभाजन के लिए कांग्रेस और मुस्लिम लीग

कानपुर, 14 अगस्त (Udaipur Kiran) । भाजपा ने देश के विभाजन की विभीषिका के लिए मुस्लिम लीग के साथ कांग्रेस को भी जिम्मेदार ठहराया है। प्रधानमंत्री की कुर्सी पाने के लिए पंडित जवाहरलाल नेहरू ने देश वासियों का खून बहा कर देश के विभाजन को स्वीकार किया। कांग्रेस और नेहरू द्वारा देश का बंटवारा स्वीकार किया जाना एक दुर्भाग्यपूर्ण घटना है। यह बातें गुरूवार को कानपुर- बुंदेलखंड के क्षेत्रीय अध्यक्ष प्रकाश पाल ने बतौर मुख्य अतिथि ने गोविंद नगर स्थित श्रीमुनि हिंदू इंटर कॉलेज में भारत पाकिस्तान के विभाजन की विभीषिका पर आयोजित संगोष्ठी में कही।

कानपुर-बुंदेलखंड क्षेत्रीय अध्यक्ष प्रकाश पाल ने कहा कि देश के विभाजन और पाकिस्तान को नया देश बनने से मुस्लिम लीग, मोहम्मद अली जिन्ना के साथ ही कांग्रेस की नीतियां भी जिम्मेदार थी। देश के बंटवारे में डेढ़ करोड़ से अधिक लोग बेघर हुए और लाखों की जान चली गई। लाखों महिलाओं के साथ दुर्व्यवहार और अनाचार हुआ। समाज में अंग्रेजों से ज्यादा कांग्रेस ने नफरत और घृणा फैलाई थी। उन्होंने कहा कि कश्मीर की परिस्थितियां भी उस समय के विभाजन की ही विभीषिका का परिणाम है। उस समय हिन्दू और सिख समुदाय के लोगों को मुस्लिम धर्म अपनाने और कलमा पढ़ने को मजबूर किया जा रहा था।

उन्होंने कहा कि जाति, क्षेत्रीय, भाषाई विभाजन से ऊपर हमें राष्ट्र प्रथम की भावना से जुड़ना होगा। विभाजन की त्रासदी के लिए तत्कालीन कांग्रेस नेतृत्व पूरी तरह जिम्मेदार रहा है। जो किसी युग में नहीं हुआ, वह कांग्रेस की सत्ता के प्रति अभिलाषा ने विभाजन की त्रासदी के रूप में प्रस्तुत किया। कांग्रेस ने स्वतंत्र भारत को ऐसा नासूर दे दिया, जिसका दंश आज भी भारत आतंकवाद, उग्रवाद और अलगाववाद के रूप में झेल रहा है। यदि तत्कालीन राजनीतिक नेतृत्व ने दृढ़ता का परिचय दिया होता तो दुनिया की कोई ताकत इस अप्राकृतिक विभाजन को मूर्त रूप नहीं दे पाती। येन केन प्रकारेण सत्ता प्राप्त करने के लिए कांग्रेस ने देश को दांव पर लगा दिया।

दक्षिण जिलाध्यक्ष शिवराम सिंह ने कहा कि धर्मनिरपेक्षता की ध्वजवाहक बनने का ढोंग करने वाली कांग्रेस ने कई सांप्रदायिक कानूनों को पारित करवाने में अंग्रेजों की मदद की थी। मुस्लिम लीग को संतुष्ट करने के लिए कांग्रेस की ओर से अपनाई जाने वाली नीति को डॉ भीमराव अंबेडकर ने कभी पसंद नहीं किया। अंबेडकर जानते थे कि कांग्रेस मुस्लिम लीग की अनुचित मांगों को स्वीकार करने के लिए नतमस्तक हो रही है। उन्होंने अपनी पुस्तक थॉट्स ओन पाकिस्तान में नेहरू और तत्कालीन कांग्रेस के रवैये की आलोचना भी की है।

मुख्य अतिथि क्षेत्रीय अध्यक्ष प्रकाश पाल ने भारत- पाकिस्तान बटवारे के समय का विभाजन का दंश झेले ज्ञानी अवतार सिंह, कुलदीप सिंह, राजेंद्र जी जिंदी, कैलाश मदान, राजेंद्र सिंह मीता , सुरेन्द्र पाल सिंह, मंजीत सिंह, महेश केशवानी,सतनाम सिंह ,अतुल प्रीत सिंह सहित सिक्ख समाज के चालीस लोगों को माला व अंग वस्त्र पहना कर सम्मानित किया।

विभाजन के समय के विस्थापित हो कर आए पीड़ितों ने बंटवारे के समय की यादें करते हुए कहा कि उस समय हिन्दू और सिख समुदाय के लोगों को मुस्लिम धर्म अपनाने और कलमा पढ़ने को मजबूर किया जा रहा था। दिन दहाड़े सड़कों पर सरेआम महिलाओं की इज्जत लूट कर बेइज्जत किया गया था।

कार्यक्रम की अध्यक्षता जिलाध्यक्ष शिवराम सिंह एवं संचालन जिलामंत्री जसविंदर सिंह ने किया।

संगोष्ठी में विभाजन विभीषिका से लोगों को रूबरू कराने के लिए प्रदर्शनी भी लगाई गई। प्रदर्शनी में लोगों को भारत – पाकिस्तान के विभाजन की त्रासदी के समय के पोस्टर, चित्रों, अभिलेखों एवं एक बड़ी एलईडी पर लघु फिल्म के जरिए आमजन का दर्द बयां किया गया।

भारत विभाजन विभीषिका के विरोध में शाम को भाजपाइयों ने गोविन्द नगर में मौन जुलूस निकालकर विरोध प्रकट किया।

कार्यक्रम में पं बालचंद्र मिश्र, अनीता गुप्ता, विजय रत्ना तोमर, विनोद शुक्ला, नवीन पंडित, मीडिया प्रभारी मनीष त्रिपाठी, रवि सतीजा, रीता शास्त्री , दीपू पासवान,अनुराग शुक्ला, संजय कटियार, प्रमोद अग्रहरि, वीरेंद्र दिवाकर, रमाकांत शर्मा, बिट्टू परिहार, विनीत दुबे आदि मौजूद रहे।

(Udaipur Kiran) / मो0 महमूद

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