
जयपुर, 14 अगस्त (Udaipur Kiran) । राजस्थान हाईकोर्ट ने एसआई भर्ती-2021 पेपर लीक मामले में 39 बार प्रभावी सुनवाई करने के बाद मामले में अपना फैसला सुरक्षित रख लिया है। जस्टिस समीर जैन की एकलपीठ ने यह आदेश कैलाश चन्द्र शर्मा व अन्य की याचिका पर सुनवाई करते हुए दिए।
याचिका में वरिष्ठ अधिवक्ता आरपी सिंह और अधिवक्ता हरेन्द्र नील ने बताया कि भर्ती परीक्षा की तीन स्तर पर शुचिता प्रभावित हुई है। सर्वप्रथम आरपीएससी के स्तर पर तत्कालीन आयोग सदस्य ने पेपर लीक किया। वहीं परीक्षा केन्द्र से भी पेपर लिए किया गया। इसके अलावा परीक्षा में डमी परीक्षार्थी बैठाए गए। पेपर लीक होने के बाद इसका पूरे प्रदेश भर में वितरण किया गया। ऐसे में चयनितों में से उन लोगों की छंटनी संभव नहीं है, जिन्होंने पेपर लीक का फायदा उठाया। वहीं एसओजी व कैबिनेट सब कमेटी और महाधिवक्ता ने भी अपनी पहली रिपोर्ट में यह बात मानी थी। इसलिए भर्ती परीक्षा को रद्द किया जाना चाहिए। इसका विरोध करते हुए राज्य सरकार की ओर से महाधिवक्ता राजेन्द्र प्रसाद और एएजी विज्ञान शाह ने कहा कि याचिका में प्रकरण में की जा रही जांच पर सवाल नहीं उठाए गए हैं। राज्य सरकार स्वयं भी मामले के तह तक जाना चाहती है। अभी तक की जांच में 68 ट्रेनी दोषी पाए गए हैं। इनमें से 54 ट्रेनी को गिरफ्तार किया गया। वहीं छह अभ्यर्थियों ने चयन के बाद पद ग्रहण नहीं किया। इसके अलावा आठ आरोपी अभी भी फरार चल रहे हैं। कैबिनेट सब कमेटी ने हाल ही में फिलहाल भर्ती रद्द नहीं करने की सिफारिश दी है। जिसे मुख्यमंत्री स्तर पर स्वीकार किया गया है। ऐसे में याचिकाओं को खारिज किया जाए। वहीं चयनित अभ्यर्थियों की ओर से अधिवक्ता तनवीर अहमद ने कहा कि मामले में एसओजी ने विस्तृत जांच कर दोषियों पर कार्रवाई की है। चयनित पक्षकार अभ्यर्थियों पर कोई कार्रवाई नहीं हुई है। यदि भर्ती रद्द की गई तो करीब पांच सौ से अधिक अभ्यर्थियों का भविष्य खराब होगा। कई अभ्यर्थी पूर्व की सरकारी सेवाओं को छोडकर एसआई बने हैं। सभी पक्षों की बहस सुनने के बाद अदालत ने मामले में अपना फैसला सुरक्षित रख लिया है।
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(Udaipur Kiran)
