
जम्मू, 14 अगस्त (Udaipur Kiran) । जम्मू संभाग विशेष महत्व रखने वाली भाद्रपद संक्रांति 16 अगस्त शनिवार को है। इस विषय में श्री कैलख ज्योतिष एवं वैदिक संस्थान ट्रस्ट के प्रधान, ज्योतिषाचार्य महंत रोहित शास्त्री ने बताया कि 16 अगस्त सन् 2025, श्राद्धरात्रि 01:52 (25:52) पर सूर्य सिंह राशि में प्रवेश करेंगे। 30 मुहूर्त का भाद्रपद संक्रांति का पुण्यकाल 17 अगस्त सुबह 08 बजकर 16 मिनट तक रहेगा।
इस दिन पवित्र नदियों, सरोवर में स्नान एवं दान-पुण्य के लिये विशेष रूप से शुभ माना गया है। ब्राह्मणों को भोजन, मिष्ठान आदि का दक्षिणा सहित यथाशक्ति दान कर, स्वयं एक समय भोजन करना चाहिए। इस दिन किया गया दान अन्य शुभ दिनों की तुलना में दस गुना अधिक पुण्य देने वाला होता है। यदि पवित्र नदियों, सरोवर में स्नान करना संभव न हो तो घर में पानी में गंगाजल डालकर स्नान करें और घर के आसपास के जरूरतमंद लोगों को यथासंभव दान अवश्य करें।
भाद्रपद अर्थात भादो माह में जब सूर्य देव अपनी सिंह राशि में प्रवेश करते हैं, तो उस संक्रांति को सिंह संक्रांति कहते हैं। इस संक्रांति में सूर्य कर्क राशि से सिंह राशि में प्रवेश करते हैं। सिंह संक्रांति को घी संक्रांति या ओल्गी संक्रांति भी कहा जाता है। यह पर्व कृषि और पशुपालन से जुड़ा है। श्रावण माह के बाद भाद्रपद में ऊगाई जाने वाली फसलों में बालियां आने लगती हैं, और किसान अच्छी फसल की कामना करते हुए घी संक्रांति पूजा कर हर्ष व्यक्त करते हैं।
इस दिन घी का प्रयोग आवश्यक माना गया है, इसी कारण इसे घी संक्रांति कहा जाता है। आयुर्वेद में चरक संहिता के अंतर्गत वर्णित है कि गाय का शुद्ध घी (गौघृत) स्मरण शक्ति, बुद्धि, ऊर्जा, बल, वीर्य और ओज बढ़ाता है; यह वसावर्धक है तथा वात, पित्त, बुखार और विषैले पदार्थों का नाशक है। मान्यता है कि इस दिन गौघृत का सेवन आवश्यक है, और जो इस दिन घी नहीं खाता, उसे अगले जन्म में गनेल (घोंघा) के रूप में जन्म लेना पड़ता है।
इस दिन किसी भी तामसिक वस्तु का सेवन नहीं करना चाहिए, साथ ही शराब और नशे से भी दूर रहना चाहिए, क्योंकि इसका शरीर और भविष्य दोनों पर दुष्प्रभाव पड़ता है। संक्रांति के दिन सात्विक आहार ग्रहण करना चाहिए और भगवान को भी सात्विक भोग अर्पित करना चाहिए। इस दिन सत्यनारायण भगवान, सूर्य देव और अपने इष्टदेव की पूजा का विधान है। भाद्रपद संक्रांति इस वर्ष नीच एवं दुष्ट कर्म करने वालों और पशुओं के लिए सुखकर रहेगी। किंतु खाने की वस्तुओं के मूल्य में वृद्धि से जनता अशांत होगी, भूकंप आ सकता है और प्राकृतिक प्रकोप का भय रहेगा। अधिक वर्षा से कृषि को भी हानि हो सकती है। भाद्रपद संक्रांति मेष, वृष, मिथुन, कन्या, तुला और धनु राशि वालों के लिए लाभकारी रहेगी। इस दिन सूर्य देव को अर्घ्य देने से आयु वृद्धि और रोगनाश होता है।
(Udaipur Kiran) / राहुल शर्मा
