
– अब तक 120 लोग बचाए गए, 38 की हालत गंभीर, 200 लापता
जम्मू, 14 अगस्त (Udaipur Kiran) । गुरुवार को जम्मू-कश्मीर के किश्तवाड़ जिले के एक सुदूर पहाड़ी गांव में बादल फटने से दो सीआईएसएफ कर्मियों सहित कम से कम 40 लोगों की मौत हो गई है और 200 के करीब लापता बताये जा रहे हैं। मृतकों की संख्या बढ़ सकती है, क्योंकि माना जा रहा है कि और लोग फंसे हुए हैं। अब तक 120 लोगों को बचाया जा चुका है। इनमें से 38 की हालत गंभीर बताई जा रही है।
अधिकारियों ने बताया कि यह आपदा दोपहर 12 बजे से 1 बजे के बीच मचैल माता मंदिर जाने वाले रास्ते के आखिरी गांव चिशोती में आई। यह यात्रा 25 जुलाई से शुरू हुई थी और 5 सितंबर को समाप्त होनी थी। इसलिए वार्षिक मचौल माता यात्रा के लिए बड़ी संख्या में लोग एकत्रित हुए थे। 9,500 फीट ऊंचे इस मंदिर तक पहुंचने का 8.5 किलोमीटर का पैदल रास्ता चिशोती से शुरू होता है। चिशोती किश्तवाड़ शहर से लगभग 90 किलोमीटर दूर है। यहां भक्तों के लिए स्थापित एक लंगर (सामुदायिक रसोई) के पास बादल फटने से अचानक बाढ़ आ गई और दुकानों और एक सुरक्षा चौकी सहित कई इमारतें बह गईं।
आपदा आने के तुरंत बाद किश्तवाड़ के उपायुक्त पंकज कुमार शर्मा ने वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक के साथ मिलकर बचाव दल को तैनात किया और व्यक्तिगत रूप से अभियान की निगरानी के लिए घटनास्थल की ओर रवाना हुए। अधिकारियों ने बताया कि बचाव कार्यों में तेजी लाने के लिए बाद में जम्मू से एनडीआरएफ की दो और टीमें भेजी गईं। एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, पुलिस, सेना और स्थानीय स्वयंसेवकों ने बड़े पैमाने पर बचाव अभियान शुरू कर दिया गया था, लेकिन अधिकारियों ने लोगों की जान बचाने के लिए एनडीआरएफ की दो नई टीमों सहित और बचावकर्मियों को तैनात किया गया है।
सेना की व्हाइट नाइट कोर ने कहा कि लोगों की जान बचाने और बचे लोगों की मदद के लिए प्रयास जारी हैं। किश्तवाड़ के चिशोती गांव में बादल फटने के बाद व्हाइट नाइट कोर के जवान बचाव और राहत कार्यों के लिए तेज़ी से जुट गए। प्रयास लोगों की जान बचाने और बचे लोगों की मदद करने पर केंद्रित हैं। लापता लोगों की तलाश जारी है। राहत सामग्री, चिकित्सा दल और बचाव उपकरण घटनास्थल पर पहुंच गए हैं। आपदा आने के समय लंगर श्रद्धालुओं से भरा हुआ था।
केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने एक पोस्ट में कहा कि उन्होंने इस मामले पर किश्तवाड़ के उपायुक्त से भी बात की। राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (एनडीआरएफ) की दो टीमों को उधमपुर से किश्तवाड़ भेजा गया है। घटनास्थल पर पहुंचे उपायुक्त ने कहा कि इलाके में बड़े पैमाने पर बचाव अभियान शुरू कर दिया गया है। अधिकारियों ने बताया कि अचानक आई बाढ़ ने पहाड़ी इलाकों में बसे कई घरों को अपनी चपेट में ले लिया।
उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने इस घटना में हुई जानमाल की हानि पर शोक व्यक्त किया। उन्होंने एक्स पर कहा कि चिशोती किश्तवाड़ में बादल फटने की घटना से दुखी हूं। शोक संतप्त परिवारों के प्रति संवेदना और घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की प्रार्थना करता हूं। सिविल, पुलिस, सेना, एनडीआरएफ और एसडीआरएफ अधिकारियों को बचाव और राहत अभियान को मज़बूत करने और प्रभावितों को हर संभव सहायता प्रदान करने का निर्देश दिया है।
विपक्ष के नेता सुनील कुमार शर्मा ने कहा कि उन्हें अपने कार्यकर्ताओं से सूचना मिली है कि बड़े पैमाने पर बादल फटा है। उन्होंने कहा कि फिलहाल, मुझे नहीं लगता कि किसी के पास सटीक आंकड़ें हैं, लेकिन मेरा मानना है कि इलाके में काफी नुकसान हुआ होगा। उन्होंने यह भी बताया कि यात्रा के लिए बहुत सारे लोग इकट्ठा हुए थे।
पूर्व मुख्यमंत्री गुलाम नबी आज़ाद ने भी घटना पर दुख व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि किश्तवाड़ के चिशोती में बादल फटने की घटना से गहरा दुख हुआ। शोक संतप्त परिवारों के प्रति हार्दिक संवेदना और घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की प्रार्थना करता हूं। सरकार से तुरंत बचाव और राहत अभियान चलाने और प्रभावित लोगों के लिए हर संभव सहायता और उपचार सुनिश्चित करने का आग्रह करता हूं।
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(Udaipur Kiran) / बलवान सिंह
