Haryana

हरियाणा: निजी अस्पताल नहीं कर रहे आयुष्मान कार्ड धारकों का इलाज

सरकार ने सात दिन में सूचीबद्ध अस्पतालों को जारी किए 170 करोड़

चंडीगढ़, 14 अगस्त (Udaipur Kiran) । हरियाणा में एक तरफ जहां निजी अस्पतालों द्वारा आयुषमान कार्ड धारकों के विरूद्ध की गई हड़ताल लगातार जारी है वहीं सरकार की तरफ से डैमेज कंट्रोल शुरू कर दिया गया है। सरकार का दावा है कि पिछले सात दिनों में सूचीबद्ध अस्पतालों काे 170 करोड़ रुपये जारी किए गए हैं।

हरियाणा में बीते सात अगस्त को निजी अस्पताल संचालकों ने आईएमए के बैनर तले हड़ताल का ऐलान करते हुए कहा था कि आयुषमान कार्ड धारकों का उपचार नहीं किया जाएगा।

राज्य स्वास्थ्य प्राधिकरण हरियाणा ने भारतीय चिकित्सा संघ (आईएमए) हरियाणा से प्राप्त पत्राचार के जवाब में एसएचए के प्रवक्ता ने कहा कि सभी लंबित भुगतान फर्स्ट इन फर्स्ट आउट पद्धति के अनुसार संसाधित और जारी किए जा रहे हैं। एसएचए ने आश्वासन दिया कि सभी बकाया भुगतान बिना किसी देरी के निपटाए जाएंगे।

एसएचए ने आईएमए और भागीदार अस्पतालों द्वारा उठाई गई कई उचित मांगों का भी समाधान किया है। इनमें अस्पताल एवं आईएमए प्रतिनिधियों को राज्य सूचीकरण समिति, राज्य शिकायत निवारण समिति और जिला शिकायत निवारण समितियों में शामिल करना तथा पारदर्शिता और बेहतर संचालन के लिए नवीनतम पैकेज मास्टर को अपनाना शामिल है।

वर्तमान में जून 2025 के दूसरे सप्ताह तक जमा किए गए दावों का भुगतान किया जा चुका है। योजना शुरू होने से अब तक अस्पतालों को 3,050 करोड़ रुपये से अधिक का भुगतान किया जा चुका है। 13 अगस्त 2025 तक केंद्र और राज्य सरकारों से लगभग 480 करोड़ रुपये प्राप्त हुए हैं, जो सभी योग्य दावों के निपटान में पूरी तरह खर्च किए जा चुके हैं। पिछले 7 दिनों में ही राज्य के सूचीबद्ध अस्पतालों को 170 करोड़ रुपये जारी किए गए हैं।

प्रवक्ता ने बताया कि दावे एनएचए के ऑनलाइन प्लेटफ़ॉर्म के माध्यम से 60 डॉक्टरों की टीम द्वारा निष्पक्ष और पारदर्शी तरीके से संसाधित किए जाते हैं, जिसमें मामलों का आवंटन रैंडम रूप से किया जाता है। सभी कटौतियां एनएचए दिशा-निर्देशों के अनुसार ही की जाती हैं और केवल तभी की जाती हैं जब पर्याप्त चिकित्सीय औचित्य या दस्तावेज उपलब्ध न हों।

प्रवक्ता ने बताया कि राज्य के कई निजी अस्पताल आईएमए के सेवाएं वापस लेने के आह्वान से अलग हो गए हैं और सेवाएं जारी रखे हुए हैं। औसतन 2500 ‘प्री-ऑथ’ प्रतिदिन सूचीबद्ध अस्पतालों द्वारा दर्ज किए जा रहे हैं, जिनमें निजी अस्पताल लगभग दाे करोड़ रुपये के प्री-ऑथ प्रतिदिन कर रहे हैं। हाल ही में रेवाड़ी में एक लाभार्थी को उपचार से वंचित किए जाने की शिकायत प्राप्त हुई थी।

एसएचए ने तुरंत कार्रवाई करते हुए कारण बताओ नोटिस जारी किया। अस्पताल ने स्पष्ट किया कि योजना के तहत कैशलेस उपचार उपलब्ध कराया जा रहा है और मरीज को योजना के तहत भर्ती कर लिया गया है। प्रवक्ता ने चेतावनी दी कि उपचार से इनकार या योजना का उल्लंघन करने की किसी भी शिकायत पर नियमों एवं दिशानिर्देशों के अनुसार सख्त कार्रवाई की जाएगी।

एसएचए ने स्पष्ट किया कि सभी प्रमुख मुद्दों का प्रभावी समाधान कर दिया गया है, इसलिए एबी पीएम-जेएवाई के तहत सेवाओं में किसी भी तरह के व्यवधान या वापसी का कोई उचित आधार नहीं है।

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(Udaipur Kiran) शर्मा

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