

– एआईसीटीएसएल की पुरानी बस को मोडिफाई कर धार के इंजीनियर से बनवाया सुन्दर विद्यालय
इंदौर, 14 अगस्त (Udaipur Kiran) । संभागायुक्त दीपक सिंह की पहल से मध्य प्रदेश के इंदौर में एआईसीटीएसएल की मरम्मत योग्य बस को एक सुंदर व सुव्यवस्थित विद्यालय का स्वरूप दिया गया। अब यह बस नगर के ऐसे बच्चों के लिए विद्यालय का काम करेगी, जो बच्चे किन्हीं कारणों से स्कूल नहीं जा पा रहें है। यह विद्यालय एक सामाजिक संस्था और नगर के विख्यात स्कूल में शिक्षा दे रही माधुरी मोयदे के द्वारा संचालित किया जाएगा। गुरुवार को सम्भागायुक्त दीपक सिंह ने स्मार्ट सिटी कार्यालय में ऐसे बच्चों के साथ मस्ती की पाठशाला आयोजित करते हुए उन्हें इस विद्यालय की सौगात दी।
सम्भागायुक्त सिंह ने इस विद्यालय का फीता भी ऐसी ही बालिका छाया से शुभारम्भ खुलवाया। इस दौरान उन्होंने कहा कि गरीब बस्तियों में रहने वाले श्रमिकों के बच्चे अब एक ऐसे विद्यालय में पढ़ेंगे, जिसका निर्माण एआईसीटीएसएल की जर्जर बस को मोडिफाई करके तैयार किया गया है। इस बस को धार के इंजीनियर अजीत ने बड़ी कुशलता के साथ इस तरह तैयार किया है कि इसमें बच्चे आराम के साथ न केवल बैठ सकते हैं, वरन अपनी किताबों के साथ अध्ययन भी कर सकते हैं। पूरी बस को बहुत ही आकर्षक और सुविधाजनक रूप से तैयार किया गया है। संभागायुक्त ने कहा कि इस बस के मिल जाने के बाद अब बच्चों को भर गर्मी, बरसात और सर्द कड़ाके की ठंड में भी खुले आसमान के नीचे नहीं बैठकर अध्ययन नहीं करना पड़ेगा।
नगर निगम और एआईसीटीएसएल के सहयोग से प्राप्त हुई विद्यालयनुमा बस प्राप्त हुई जो अब पढ़ाई में काम आएगी। इसमें ब्लैक बोर्ड के साथ ही कुर्सी और टेबल भी बनाई गई है। इस मौके पर एआईसीटीएसएल के प्रतिनिधि श्री रोहित तथा सोशल वेलफेयर सोसायटी की प्रमुख माधुरी मोयदे विशेष रूप से उपस्थित थे। इस अवसर पर संभागायुक्त दीपक सिंह ने विभिन्न बस्तियों में रहने वाले बच्चों के साथ संवाद करते हुए उन्हें पूर्व राष्ट्रपति डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम के प्रेरक प्रसंग सुनाते हुए उनसे सीख लेने के लिए उन्हें प्रेरित किया। साथ ही 15 अगस्त स्वाधीनता दिवस के महत्व के बारे में बताया और तिरंगे के साथ फोटो भी खिंचवाये। यह आयोजन नेहरू पार्क स्थित स्मार्ट सिटी के परिसर में आयोजित किया गया था। कार्यक्रम का प्रारंभ बच्चों द्वारा सरस्वती वंदना एवं देशभक्तिपूर्ण गायन के साथ हुआ।
कार्यक्रम में माधुरी मोयदे ने बताया कि बीते कुछ वर्षों से मैं श्रमिक बस्तियों में रहने वाले ऐसे बच्चों को नि:शुल्क पढ़ा रही हूँ, जो बच्चे आर्थिक तंगी के कारण स्कूल जाने में असमर्थ है। ऐसे जरूरतमंद बच्चों की आज बड़ी संख्या है, जिन्हें शिक्षा के साथ संस्कारों की आवश्यकता है। श्रमिक बच्चों के अध्ययन के लिए स्थायी छत नहीं होने की वजह से उन्हें बारिश, गर्मी और सर्द कड़ाके ठंड में पढ़ाने में कठिनाइयां आती थी। कई दिनों से मैं एक ऐसे विद्यालय की तलाश में थी, जहाँ बच्चों को एक ऐसी सुरक्षित छत मिल जाये, जहाँ वे मौसम से बचाव करने के साथ पढ़ भी सकें। उन्होंने बताया कि श्रमिक बच्चों को पढ़ाने में आ रही समस्या को दूर करने के लिए मैंने एआईसीटीएसएल के प्रमुखों से संपर्क कर निवेदन किया कि यदि आपके यहाँ पुरानी जर्जर बस मिल जाये तो उसमें एक ऐसा विद्यालय संचालित किया जा सकता है, जिसे आप कहीं भी ले जा सकते हैं। आखिरकार एआईसीटीएसएल ने नगर निगम के अधिकारियों से बात करके मुझे एक बस देने का वादा किया और आज उसकी पूर्ति हो गई। अब यह विद्यालयनुमा बस स्कीम नम्बर 140 में स्थायी रूप से पार्क कर संचालित होगी।
(Udaipur Kiran) तोमर
