
देहरादून, 14 अगस्त (Udaipur Kiran) । दून पुस्तकालय एवं शोध केंद्र की ओर से गुरुवार शाम टेप स्टोरी 3 लो-फाई दोहरे-पर्दे की कथात्मक फिल्म का प्रदर्शन किया गया।
इस मौके पर फिल्म के जानकार निकोलस हॉफलैण्ड ने बताया कि इस विशेष फिल्म में कहानी एक ही समय में दो पर्दों पर दिखाई जाती है, इसमें दोनों प्रक्षेपण एक साथ चलते हैं, इसमें दर्शकों को स्मृति और अनुभूति की समानांतर धाराओं के बीच संचलन करने और प्रत्येक दर्शक को अपने दिल-दिमाग में खुद की’तीसरी फिल्म’ बनाने के लिए स्वतंत्र रखा जाता है।
लेखक फिल्मांकनकर्ता और संपादक सौरव ‘वादी’ ने कहा कि टेप स्टोरी 3 एक नए तरह का दृश्य अनुभव है, जिसे किनेमा कहा जाता है। किनेमा सिनेमा, टीवी या वेब सामग्री से अलग कला रूप है। अतीत में कई कलाकारों ने ऐसी फिल्में बनाने की कोशिश की है जो इस अंतर को दर्शाती हैं। उन्हाेंने कहा कि टेप स्टोरी 3 में केवल एक स्क्रीन का उपयोग करके फिल्में दिखाने के रूढ़िवादी विचार को तोड़ने का एक प्रयास किया है। इसके बजाय उन्होंने फिल्म दिखाने के लिए एक डबल स्क्रीन सेटअप का इस्तेमाल किया है। उन्हाेंने बतायाकि आगे कई और किनेमा परियोजनाएं हैं, जिन्हें वह जीवंत करने की कल्पना करते हैं।
उल्लेखनीय है कि इस फिल्म का लेखन, फिल्मांकन, और संपादन वादी ने किया है। फिल्म के इस भाग 1 की अवधि 90 मिनट रखी गयी है जो हिंदी और उड़िया में है। फिल्म प्रदर्शन के बाद दर्शकों के सवालाें के जवाब भी भी दिए गए। फिल्म प्रदर्शन कार्यक्रम में हिमांशु आहूजा, अशोक सिंह महर, दयानंद अरोड़ा, डॉ. लालता प्रसाद, सुंदर सिंह विष्ट, चन्द्रशेखर तिवारी, केबी नैथानी, राकेश कुमार, आर्यन और कई फिल्म प्रेमी, लेखक व अन्य लोग उपस्थित रहे।
(Udaipur Kiran) / राजेश कुमार
