Madhya Pradesh

दमोह : भारत में होती थी आर्दश खेती,अब विश्व भी इस दिशा में आगे बढ रहा है : मंत्री इंदर सिंह परमार

दमोह- भारत में होती थी आर्दश खेती,अब विश्व भी इस दिशा में आगे बढ रहा है-प्रभारी मंत्री इंदर सिंह परमार
दमोह- भारत में होती थी आर्दश खेती,अब विश्व भी इस दिशा में आगे बढ रहा है-प्रभारी मंत्री इंदर सिंह परमार

दमोह, 14 अगस्त (Udaipur Kiran) । मध्यप्रदेश के दमोह जिले के प्रभारी मंत्री एवं प्रदेश के उच्च शिक्षा, तकनीकी शिक्षा, आयुष विभाग मंत्री इंदर सिंह परमार ने गुरूवार को कलेक्टर कार्यालय परिसर में आयोजित हलधर मेले का शुभारंभ भगवान बलराम की प्रतिमा पर माल्यापर्ण कर किया। उन्होंने परंपरागत कृषि औजारों की प्रदर्शनी का जायजा लिया और प्रसन्नता व्यक्त की। इस अवसर पर राज्य पिछड़ा आयोग के अध्यक्ष डॉ.रामकृष्ण कुसमरिया, जिला पंचायत अध्यक्ष रंजीता गौरव पटैल, विधायक हटा उमादेवी खटीक, भाजपा जिलाध्यक्ष श्याम शिवहरे, कलेक्टर सुधीर कुमार कोचर, सहायक कलेक्टर ऋषिकेश विजय ठाकरे, सीईओ जिला पंचायत प्रवीण फुलपगारे, सहायक संचालक कृषि जेएल प्रजापति, जनप्रतिनिधिगण सहित विभिन्न विभागों के अधिकारीगण मौजूद थे।

इस अवसर पर जिले के प्रभारी मंत्री इंदर सिंह परमार ने कहा कि भारत की परंपरा में मान्यता है कि सबसे पहले हल से कृषि करने की शुरुआत हलधर भगवान बलराम ने की थी। इसलिए उनको हलधर भी कहा जाता है और हमारी सरकार ने उनके नाम से हलधर मेला पूरे मध्य प्रदेश में आयोजित किया है, आज यहां पर मेला लग रहा है।

प्रभारी मंत्री परमार ने कहा परंपरागत रूप से जो कृषि के औजार थे, उन सबकी प्रदर्शनी लगी है, अभी और संग्रह करने की जरूरत है, विविध प्रकार के औजार गांव में उपयोग करते थे, जो एक प्रकार से खेती की शुद्धता बनाकर रखते थे, किसी प्रकार की मिलावट और केमिकल का उपयोग नही होता था। ऐसी आदर्श खेती भारत में होती थी और फिर से दुनिया जैविक खेती की और अपने कदम बढ़ा रही है, टेक्नोलॉजी के कारण कुछ बदलाव हुआ है, लेकिन बाकी कुल मिलाकर खेती, केमिकल से मुक्त हो। इस प्रकार का अभियान कई सारे संगठनों द्वारा भी चलाया जा रहा है और सरकार भी अपना कदम बढ़ा रही है।

पिछड़ा वर्ग अयोग अध्यक्ष रामकृष्ण कुसमरिया ने कहा कि जीएम क्रॉप्स हैं, उनको रोकने का सबसे बड़ा प्रयास है, बी.टी बैगन जो उस समय लाए थे इससे पर्यावरण प्रदूषित होता है और बीजों की उनकी मोनोपॉली होती है, इसके अलावा फिर दूसरा कोई बीज आप बो नहीं पाएंगे, इसलिए प्रधानमंत्री मोदी जी ने कहा है कि हम किसानों की खेती के साथ कोई समझौता नहीं करेंगे, डेयरी के साथ कोई समझौता नहीं करेंगे। उन्होंने जो विदेशी गायों का सीमन यहाँ पर भेजकर प्रदूषण करने की कोशिश की थी लेकिन आज हमारे यहाँ जगह-जगह पर गिर गाय, देसी गाय दिख रही है।

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(Udaipur Kiran) / हंसा वैष्णव

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