
कोलकाता, 14 अगस्त (Udaipur Kiran) । पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा है कि उन्हें घुसपैठियों के खिलाफ केंद्र सरकार की कार्रवाई से कोई आपत्ति नहीं है, लेकिन सिर्फ बंगाली भाषा बोलने के कारण किसी नागरिक को परेशान करना अस्वीकार्य है।
गुरुवार को कन्याश्री दिवस के मौके पर कोलकाता के धन-धान्य स्टेडियम में राज्य सरकार की ओर से आयोजित राज्य स्तरीय कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने आरोप लगाया कि भाजपा शासित राज्यों में बांग्ला भाषी लोगों को परेशान किया जा रहा है। उन्होंने हाल ही में यूपी के नोएडा में घटी एक घटना का जिक्र किया, जहां कथित रूप से एक व्यक्ति को सिर्फ बंगाली बोलने की वजह से होटल में कमरा नहीं दिया गया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि जो लोग बंगालियों से भेदभाव कर रहे हैं, क्या वे जानते हैं कि यह वही भाषा है जिसमें रवींद्रनाथ ठाकुर, काजी नजरुल इस्लाम, नेताजी सुभाष चंद्र बोस, खुदीराम बोस, प्रफुल्ल चाकी, राजा राममोहन राय, ईश्वरचंद्र विद्यासागर, बंकिमचंद्र चट्टोपाध्याय और स्वामी विवेकानंद जैसे महान व्यक्तित्व पैदा हुए हैं? बांग्ला भाषा में वह मिठास है जो और कहीं नहीं मिलती।
उन्होंने जोर देकर कहा कि अंग्रेजी सीखना ज़रूरी है, लेकिन अपनी मातृभाषा और जड़ों को कभी नहीं छोड़ना चाहिए। उन्होंने युवाओं से अपील की कि वे अलीपुर म्यूजियम जाएं और स्वतंत्रता संग्राम में बंगालियों के योगदान को समझें।
मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया कि शरणार्थियों के रूप में आए लोग अब भारत के नागरिक हैं और उन्हें परेशान करना उचित नहीं। उन्होंने कहा कि सभी भाषाओं को सीखना चाहिए, लेकिन अपनी मिट्टी को कभी नहीं भूलना चाहिए।
कन्याश्री योजना को लेकर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बताया कि पश्चिम बंगाल की 93 लाख से अधिक बालिकाएं इससे लाभान्वित हो चुकी हैं। जल्द ही यह आंकड़ा एक करोड़ के पार ले जाने का लक्ष्य है। इस योजना के तहत अब तक 17500 करोड़ रुपये वितरित किए जा चुके हैं। हम सिर्फ महिला सशक्तिकरण की बातें नहीं करते, उसे जमीन पर उतारते भी हैं। जिस समाज की महिलाएं सशक्त नहीं होतीं, वह कभी प्रगति नहीं कर सकता।———————
(Udaipur Kiran) / ओम पराशर
