
देहरादून, 14 अगस्त (Udaipur Kiran) । राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह ने आज राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र पहुंचकर धराली (उत्तरकाशी) में 5 अगस्त को आई आपदा से जुड़े राहत और बचाव कार्यों के साथ ही प्रभावितों के पुर्नवास के लिए किए जा रहे प्रयासों की समीक्षा की।
राज्यपाल ने ग्राउंड जीरो पर कार्यरत सभी बलों, अधिकारियों और कर्मचारियों की सराहना की और कहा कि यह सामूहिक उत्तरदायित्व और टीम भावना का उत्कृष्ट उदाहरण है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इस संकट में आगे आकर इस स्थिति का कुशल नेतृत्व किया, जो आपदा के समय एक आदर्श नेतृत्व की मिसाल है।
उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण ने धराली आपदा में सभी विभागों के बीच समन्वय स्थापित करते हुए राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र से बचाव कार्यों की निगरानी जिस प्रकार की है, वह अत्यंत सराहनीय है। उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड भौगोलिक दृष्टि से आपदाओं के प्रति संवेदनशील राज्य है, इसलिए ऐसी चुनौतियों से निपटने के लिए तैयार रहना, निरंतर सीखना और रणनीतियों को अपडेट रखना जरूरी है।
राज्यपाल ने इस कठिन समय में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा राज्य को हरसंभव सहायता प्रदान करने के लिए आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि किसी भी आपदा का प्रभावी सामना करने के लिए त्वरित निर्णय आवश्यक होते हैं और धराली आपदा में भी यही दृष्टिकोण अपनाते हुए स्थानीय लोगों को समय पर सहायता प्रदान की गई।
उन्होंने निर्देश दिए कि इस आपदा में किए गए राहत एवं बचाव कार्यों का डॉक्यूमेंटेशन और विश्लेषण किया जाए, जिससे भविष्य के लिए एक स्पष्ट रोडमैप तैयार हो सके और आपदा प्रबंधन की क्षमता को और प्रभावी बनाया जा सके। साथ ही, उन्होंने यूएसडीएमए द्वारा बनाई गई एसओपी को समय-समय पर मैदानी अनुभव और परिस्थितियों के अनुसार अद्यतन किए जाने की जरूरत बताई।
राज्यपाल ने यह भी कहा कि मानसून अभी जारी है और आगे कई प्रकार की चुनौतियां आ सकती हैं, इसलिए सभी संबंधित एजेंसियों को 24×7 अलर्ट मोड में रहना होगा। उन्होंने कहा कि घटना से अधिक महत्वपूर्ण यह है कि हम उस पर कैसी प्रतिक्रिया देते हैं, क्योंकि यही तय करता है कि जान-माल का नुकसान कितना कम किया जा सकता है। राज्यपाल ने इस पूरे राहत अभियान में मीडिया की भूमिका की भी प्रशंसा की, जिसने सही सूचनाएं जनता तक पहुंचाकर अफवाहों और भ्रम की स्थिति से बचाया।
इस अवसर पर राज्यपाल ने आईआईटी रुड़की के वैज्ञानिकों और अन्य विशेषज्ञ टीमों से वर्चुअल माध्यम से संवाद किया। उन्होंने हर्षिल में बनी झील से जल निकासी, धराली-मुखबा पुल की स्थिति एवं उसकी सुरक्षा सहित अन्य महत्वपूर्ण अभियानों की प्रगति की जानकारी ली। टीम ने बताया कि सर्वे का कार्य जारी है और रिपोर्ट शीघ्र शासन को सौंपी जाएगी।
इस दौरान सचिव, आपदा प्रबंधन एवं पुनर्वास विनोद कुमार सुमन ने राज्यपाल को आपदा की पृष्ठभूमि, क्षति का आकलन और अब तक की गई कार्यवाही के बारे में अवगत कराया। उन्होंने बताया कि धराली और हर्षिल क्षेत्र में विभिन्न स्थानों पर एसडीआरएफ, एनडीआरएफ, सेना, पुलिस विभाग, आईटीबीपी, बीआरओ तथा अन्य एजेंसियों के एक हजार से अधिक अधिकारी एवं कर्मचारी लगातार राहत और बचाव कार्यों में जुटे हैं।
प्रतिकूल मौसम और कठिन भू-परिस्थितियों के बावजूद मात्र पांच दिनों में 13 सौ से अधिक यात्रियों एवं स्थानीय निवासियों को सुरक्षित स्थानों तक पहुंचाया गया। उन्होंने किए जा रहे प्रयासों के बारे में विस्तृत प्रस्तुतीकरण दिया। इस अवसर पर उपाध्यक्ष राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण विनय रोहिला, अपर मुख्य कार्यकारी अधिकारी प्रशासन आनंद स्वरूप, अपर मुख्य कार्यकारी अधिकारी क्रियान्वयन डीआईजी राजकुमार नेगी आदि उपस्थित रहे।
(Udaipur Kiran) / विनोद पोखरियाल
