कोलकाता, 14 अगस्त (Udaipur Kiran) । भारतीय जनता पार्टी ने गुरुवार को आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के नेतृत्व वाली तृणमूल कांग्रेस सरकार पश्चिम बंगाल को एक बार फिर नफरत और दंगों के उस अंधेरे में ले जा रही है, जिसकी याद 1947 के विभाजन के दौरान के हालात से जुड़ती है।
भाजपा आईटी सेल प्रमुख अमित मालवीय ने सोशल मीडिया पर कहा कि ममता बनर्जी का शासन बंगाल को फिर से उन दिनों की तरफ धकेल रहा है, जब संप्रदायिक हिंसा ने लोगों को गहरे जख्म दिए थे।
मालवीय ने लिखा, 78 साल पहले 1947 में बंगाल को सिरिल रेडक्लिफ की मेज पर काटकर पाकिस्तान को सौंप दिया गया था। सनातनी बंगालियों ने इसका खामियाजा अपने खून, घर और सम्मान से चुकाया था। जैसे-तैसे बंगाल इस जिहादी हिंसा के घाव से उबर ही रहा था कि ममता बनर्जी का शासन इसे फिर से उसी अंधेरे में ले गया, जिससे लोग विभाजन के दर्द को दोबारा झेलने पर मजबूर हो गए हैं।
उन्होंने आरोप लगाया कि हाल ही में एंटी वक्फ प्रदर्शन के नाम पर जिहादी भीड़ ने 400-500 हिंदू परिवारों को घर छोड़ने पर मजबूर किया। उनके मुताबिक, बंगाली हिंदू महिलाओं के साथ अत्याचार हुआ और उन्हें तृणमूल कांग्रेस के नेताओं शेख शाहजहां और ताजिमुल हक जैसे ‘शरीयत योद्धाओं’ ने प्रताड़ित किया। डारिविट में छात्रों को इसलिए गोली मार दी गई क्योंकि उन्होंने उर्दू की जगह बंगाली शिक्षक नियुक्त करने की मांग की थी। ऐसे अनेक उदाहरण हैं।
मालवीय ने आरोप लगाया कि सत्ता बचाने के लिए ममता बनर्जी का बेकाबू तुष्टिकरण बंगाल में विभाजन के जख्म फिर से हरा कर रहा है। दावा किया कि 2026 में बंगाल की खोई गरिमा फिर लौटेगी और रवींद्रनाथ टैगोर के सपनों का सोनार बांग्ला बनने की नींव रखी जाएगी।
एक अन्य पोस्ट में मालवीय ने उच्चतम न्यायालय की टिप्पणी का जिक्र किया, जिसमें कहा गया था, अगर कोई घुसपैठिया अवैध तरीके से प्रवेश करता है और आप उसे हिरासत में नहीं लेते, तो साफ संकेत है कि वह गायब हो जाएगा। ——————–
(Udaipur Kiran) / ओम पराशर
