फरीदाबाद, 14 अगस्त (Udaipur Kiran) । दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे पर सराय ख्वाजा के पास हुए एक सडक़ हादसे में सिविल इंजीनियर की मौत हो गई। मृतक के परिजनों ने निजी अस्पताल पर लापरवाही का गंभीर आरोप लगाया है। उनका कहना है कि हादसे में घायल इंजीनियर को समय पर इलाज नहीं मिला, जिससे उसकी जान चली गई। पुलिस ने मृतक के भाई की शिकायत पर अज्ञात वाहन के खिलाफ मामला दर्ज किया है और अस्पताल की लापरवाही की भी जांच शुरू की है। परिजनों का आरोप है कि घायल इंजीनियर आधे घंटे तक अस्पताल के बाहर तड़पता रहा, लेकिन अस्पताल कर्मियों ने तत्काल कोई उपचार नहीं किया। इस देरी के कारण उसकी हालत बिगड़ती गई। परिजनों का कहना है कि यदि समय पर प्राथमिक उपचार मिला होता, तो शायद उसकी जान बच सकती थी। ताजुपुर निवासी प्रशांत ने बताया कि उनका भाई सागर एक सिविल इंजीनियर था और नोएडा में नौकरी करता था। वह रात की शिफ्ट में काम करता था। बुधवार रात साढे आठ बजे वह घर से निकला था। रात साढ़े नौ बजे के आसपास प्रशांत को सूचना मिली कि सागर को किसी अज्ञात वाहन ने टक्कर मार दी, जिससे वह गंभीर रूप से घायल हो गया। उसे सराय ख्वाजा के एक निजी अस्पताल ले जाया गया। जब प्रशांत अस्पताल पहुंचे, तो सागर का इलाज शुरू नहीं हुआ था। इसके बाद परिजन उसे अमृता अस्पताल ले गए, जहां उसकी मौत हो गई। परिजनों का दावा है कि अत्यधिक रक्तस्राव के कारण सागर की जान गई। सराय ख्वाजा थाना प्रभारी अरविंद कुमार ने बताया कि अज्ञात वाहन के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया गया है। सीसीटीवी फुटेज की मदद से वाहन की तलाश की जा रही है। साथ ही, अस्पताल की ओर से हुई कथित लापरवाही की भी जांच की जा रही है।
(Udaipur Kiran) / -मनोज तोमर
