
– विधानसभा में विजन 2047 पर 24 घंटे से अधिक चली चर्चा में मुख्यमंत्री ने दिया संबोधन
– मुख्यमंत्री याेगी ने विधान सभा में प्रस्तुत किया विकसित भारत विकसित उप्र का विजन डाक्यूमेंट 2047
लखनऊ, 14 अगस्त (Udaipur Kiran) । उत्तर प्रदेश विधानसभा में विजन 2047 पर 24 घंटे से अधिक चली ऐतिहासिक चर्चा का समापन करते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गुरुवार को विधानसभा के पटल पर विजन डॉक्युमेंट प्रस्तुत किया और सदन ने इसे सर्व सम्मति से पारित कर दिया है। इस विजन डॉक्यूमेंट में 1947 से लेकर 2047 तक उत्तर प्रदेश का पूरा लेखा-जोखा है। उत्तर प्रदेश ने क्या पाया है, क्या खाया है और आगे क्या करने से उत्तर प्रदेश देश का ग्रोथ इंजन बनेगा, यह सब समाहित किया है।
विधानसभा में बोलते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि भारत विकसित तब बनेगा, जब हर राज्य अपनी भूमिका निभाएगा और इसमें उत्तर प्रदेश सबसे आगे रहेगा। उन्हाेंने सत्ता पक्ष और विपक्ष के 187 विधायकों का आभार व्यक्त किया और कहा कि सभी ने गंभीरता और रुचिपूर्ण ढंग से बहस को सार्थक बनाया। उन्होंने कहा कि 24 घंटे से अधिक चली यह चर्चा लोकतंत्र की शक्ति और सदस्यों की गंभीरता का प्रमाण है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तर प्रदेश केवल देश का सबसे अधिक जनसंख्या वाला राज्य ही नहीं, बल्कि भारत की आध्यात्मिक और सांस्कृतिक विरासत का ध्वजवाहक भी है। उत्तर प्रदेश सिर्फ बड़ी आबादी वाला राज्य नहीं, यह भारत की आध्यात्मिक और सांस्कृतिक ऊर्जा का केंद्र बिंदु है। मुख्यमंत्री ने याद दिलाया कि 2023 में लखनऊ में ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट के उद्घाटन के समय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा था कि उत्तर प्रदेश दुनिया के लिए ब्राइट स्पॉट है तो उत्तर प्रदेश भारत की ग्रोथ का ड्राइविंग फोर्स बनेगा।
दो भागों में चर्चा को बांटा
मुख्यमंत्री ने कहा कि 1947 से 2047 तक की यह 100 वर्षों की यात्रा में हमने क्या खोया और क्या पाया, इसका आत्मावलोकन करने का यह सबसे उचित समय है। प्रधानमंत्री ने जो विजन डॉक्यूमेंट देश के सामने प्रस्तुत किया, उसी के अनुरूप उत्तर प्रदेश ने प्रारंभिक चर्चा को आगे बढ़ाने का कार्य किया है।
मुख्यमंत्री ने 1947 से 2017 तक विपक्षी दलों के शासनकाल की तुलना अपनी सरकार के 2017 से 2025 तक के कार्यकाल से की और विपक्ष पर परिवारवादी सोच को बढ़ावा देने का आरोप लगाया। मुख्यमंत्री ने विपक्ष के ‘पीडीए’ नारे को ‘परिवार डेवलपमेंट अथॉरिटी’ करार देते हुए उनकी सीमित सोच पर तंज कसा।
मुख्यमंत्री ने अपने संबोधन में समावेशी और समग्र विकास को उत्तर प्रदेश और भारत के विकास का आधार बताया। उन्होंने कहा, हर विधानसभा क्षेत्र में विकास होना चाहिए और कल्याणकारी योजनाओं का लाभ बिना भेदभाव के सभी तक पहुंचना चाहिए।
विपक्ष को बतायाा ‘कूप मंडूप’
मुख्यमंत्री ने चार्वाक का उदाहरण देते हुए विपक्ष को उनकी परिवारवादी सोच के लिए आड़े हाथों लिया। उन्होंने कहा कि आप केवल अपने परिवार तक सीमित हैं। आपका ‘परिवार डेवलपमेंट अथॉरिटी’ का दृष्टिकोण स्वामी विवेकानंद के ‘कूप मंडूप’ दर्शन को चरितार्थ करता है। दुनिया प्रतिस्पर्धा के रास्ते पर आगे बढ़ रही है, लेकिन आप अभी भी परिवार तक सीमित हैं।
बीमारू राज्य और नीतिगत उदासीनता का शिकार हो गया था यूपी
मुख्यमंत्री ने कहा कि 1960 के बाद से राज्य लगातार गिरावट की ओर बढ़ा। उन्होंने कहा कि विशाल सामर्थ्य, उपजाऊ भूमि, नदियां और श्रमशक्ति होने के बावजूद नीतिगत उदासीनता के कारण यूपी 1980 के दशक के बाद देश का सबसे बीमारू राज्य बन गया। योजनाएं बनती थीं, घोषणाएं होती थीं, लेकिन न इच्छाशक्ति थी और न ही क्रियान्वयन का संकल्प। उन्होंने उस दौर की समस्याओं का जिक्र करते हुए कहा कि युवाओं को रोजगार नहीं मिलता था, किसानों को राहत नहीं थी और निवेशकों में भरोसे की कमी थी। अपराध और अराजकता का बोलबाला था। पलायन, गरीबी, इन्सेफलाइटिस और डेंगू जैसी बीमारियों से होने वाली मौतें, भ्रष्टाचार, भेदभाव और भाई-भतीजावाद ने यूपी को जकड़ रखा था।
2017 के बाद यूपी का हुआ कायाकल्प
मुख्यमंत्री ने 2017 के बाद डबल इंजन सरकार के तहत हुए बदलावों पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि 2017 के बाद कानून का राज स्थापित हुआ। अपराधियों के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति अपनाई गई। उद्योगों के लिए अनुकूल माहौल बनाया गया और यूपी निवेशकों के लिए ड्रीम डेस्टिनेशन बन गया। योजनाओं का क्रियान्वयन बिना भेदभाव और तुष्टिकरण के हो रहा है।
आर्थिक प्रगति के आंकड़ों के जरिए पेश की यूपी की नई तस्वीर
मुख्यमंत्री ने यूपी की आर्थिक प्रगति के प्रभावशाली आंकड़े पेश किए। उन्होंने बताया कि 2016-17 में यूपी की जीएसडीपी 13 लाख करोड़ रुपये थी, जो इस वित्तीय वर्ष के अंत तक 35 लाख करोड़ रुपये तक पहुंचने की उम्मीद है। राष्ट्रीय जीडीपी में यूपी का योगदान 8 फीसदी से बढ़कर 9.5 फीसदी हो गया है। प्रति व्यक्ति आय 43 हजार रुपये से बढ़कर 1 लाख 20 हजार रुपये तक पहुंच चुकी है। निर्यात 84 हजार करोड़ रुपये से बढ़कर 1 लाख 86 हजार करोड़ रुपये हो गया है और राज्य का बजट 3 लाख करोड़ से बढ़कर 8 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच चुका है। नीति आयोग के फिसिकल हेल्थ इंडेक्स में 8.9 अंकों का सुधार दर्ज किया गया है। डिजिटल लेनदेन 122 करोड़ रुपये से बढ़कर 1400 करोड़ रुपये तक पहुंच गया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि यूपी बीमारू राज्य से रेवेन्यू सरप्लस स्टेट बनने की ओर अग्रसर है।
देश की आर्थिक और सामाजिक प्रगति का नेतृत्व करने वाला राज्य बन रहा यूपी
मुख्यमंत्री ने कहा कि यूपी में देश की 16 फीसदी आबादी निवास करती है, लेकिन 2016-17 तक राष्ट्रीय जीडीपी में उसकी हिस्सेदारी 14 फीसदी से घटकर 8 फीसदी रह गई थी। प्रति व्यक्ति आय राष्ट्रीय औसत की तुलना में एक तिहाई रह गई थी। लेकिन 2017 के बाद यूपी ने कोविड महामारी के बावजूद राष्ट्रीय औसत से बेहतर आर्थिक विकास दर हासिल की। उन्होंने कहा कि यूपी अब केवल भारत का एक हिस्सा भर नहीं, बल्कि देश की आर्थिक और सामाजिक प्रगति का नेतृत्व करने वाला राज्य बन रहा है। निवेशकों का भरोसा, युवाओं को रोजगार, किसानों को राहत और आम नागरिकों को बेहतर सुविधाएं यूपी की नई पहचान हैं।
उन्हाेंने कहा कि पिछले 8 वर्षों में उत्तर प्रदेश में कृषि और संबद्ध क्षेत्रों की विकास दर लगातार दहाई में रही है। पिछले तीन वर्षों में कृषि एवं संबद्ध क्षेत्रों की विकास दर 14 प्रतिशत से भी अधिक रही है। यह राष्ट्रीय औसत 9.5 प्रतिशत से 4.5 प्रतिशत अधिक है। उन्होंने कहा कि यूपी के पास देश की सबसे अधिक सिंचित और उपजाऊ भूमि है। बेहतर बीज, खाद की उपलब्धता और नई तकनीक के कारण खाद्यान्न उत्पादन में यूपी का राष्ट्रीय योगदान अब लगभग 21% हो गया है, जबकि राज्य के पास देश की केवल 10% कृषि योग्य भूमि है।
सिंचाई में ऐतिहासिक छलांग
उन्होंने कहा कि 1971 में शुरू हुई सरयू नहर राष्ट्रीय परियोजना 50 वर्षों तक अधूरी रही। इसकी शुरुआती लागत 100 करोड़ रुपये थी, जो 2021 तक बढ़कर 10,000 करोड़ रुपये हो गई। डबल इंजन सरकार ने इसे पूरा कर 14 लाख हेक्टेयर भूमि को अतिरिक्त सिंचाई सुविधा दी। 2017 से अब तक 31 प्रमुख सिंचाई परियोजनाएं पूरी हुईं, जिससे 23 लाख हेक्टेयर से अधिक भूमि को पानी मिला।
गेहूं-चावल में नंबर-1, दलहन-तिलहन में बेमिसाल उछाल
उन्होंने बताया कि 2024-25 में प्रदेश ने 414.39 लाख मीट्रिक टन गेहूं का उत्पादन किया, जो देश के कुल उत्पादन का 35% से अधिक है। औसत उपज 40 क्विंटल प्रति हेक्टेयर पहुंची, जबकि कई प्रगतिशील किसानों ने 48-50 क्विंटल तक पैदावार कर ली। चावल में यूपी का योगदान 14.7% है। दलहन उत्पादन में 46% और तिलहन में 46.6% की वृद्धि दर्ज हुई। तिलहन में राष्ट्रीय योगदान 3.5% से बढ़कर 7% और दलहन में 9.5% से बढ़कर 14.5% हुआ।
गन्ना उत्पादन 2,453.50 लाख मीट्रिक टन हुआ, जो देश के कुल उत्पादन का 55% है। 2017 से अब तक किसानों को 2.6 लाख करोड़ रुपये का भुगतान डीबीटी से किया गया, जो 1996 से 2017 के बीच हुए कुल भुगतान से अधिक है। चीनी मिलों को लेकर उन्होंने कहा कि 120 में से 105 चीनी मिलें एक सप्ताह में भुगतान कर रही हैं। एथेनॉल उत्पादन 42 करोड़ लीटर से बढ़कर 177 करोड़ लीटर हुआ और 1.7 लाख युवाओं को रोजगार मिला। मुख्यमंत्री ने बताया कि आलू उत्पादन में यूपी का राष्ट्रीय योगदान 40.7%, केला में 18.7% और सब्जियों में 19.3% है। मत्स्य उत्पादन में भी प्रदेश को राष्ट्रीय पुरस्कार मिला है।
किसानों को मिल रही सीधी वित्तीय मदद
सीएम योगी ने कहा कि प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि के तहत 2.86 करोड़ किसानों को 90,000 करोड़ रुपये सीधे खातों में मिले। एमएसपी पर गेहूं, धान, मक्का, बाजरा और ज्वार की रिकॉर्ड खरीद हुई।
इन्फ्रास्ट्रक्चर के क्षेत्र में 1947 से 2017 तक की स्थिति को उन्होंने अधूरा नेटवर्क और ठहरा निवेश करार दिया, जब केवल दो एक्सप्रेसवे थे, राष्ट्रीय राजमार्ग 12,000 किलोमीटर से कम थे, हवाई अड्डों की संख्या सीमित थी, ग्रामीण क्षेत्रों में कनेक्टिविटी नहीं थी और औद्योगिक कनेक्टिविटी के लिए कोई नीति नहीं थी।
पीडीए जनता की आखों में धूल झोंंकने का खेल
मुख्यमंत्री ने विपक्ष पर हमला बोलते हुए कहा कि प्रदेश के उद्योग इन्फ्रास्ट्रक्चर को बर्बाद करने का कार्य विपक्ष के शासनकाल में हुआ। इसमें कानपुर को तबाह कर दिया गया। व्यापारियों और उद्यमियों से हफ्ता वसूली की जाती थी। उन्होंने कहा कि विपक्षी शासनकाल में एमएसएमई क्लस्टर को मरणासन्न स्थिति में पहुंचा दिया गया था। जबकि, परंपरागत उद्यमों से गांव के गरीब, वंचित और पिछड़ा वर्ग ही सबसे ज्यादा जुड़ा हुआ है। हमारी सरकार ने बिना भेदभाव के परंपरागत उद्यम को बढ़ावा दिया, ट्रेनिंग, टेक्नोलॉजी और पैकेजिंग पर काम किया। टूलकिट उपलब्ध कराये गये। सीएम योगी ने विपक्ष के पीडीए (पिछड़ा, दलित, अल्पसंख्यक) नारे को जनता की आंखों में धूल झोंकने का खेल करार दिया और कहा कि उनकी सरकार ने वास्तव में पिछड़े, गरीब और अल्पसंख्यक शिल्पियों के लिए काम किया है।
योगी ने अपने कार्यकाल को जल-थल-नभ की बेहतरीन कनेक्टिविटी वाला दौर बताया। उन्होंने बताया कि पूंजीगत व्यय 2017 में 69,789 करोड़ रुपये से बढ़कर 2025 में 1,47,719 करोड़ रुपये हो गया। एक्सप्रेसवे की संख्या 2 से बढ़कर 22 हो गई, जिसमें 7 संचालित, 5 निर्माणाधीन और 10 प्रस्तावित हैं, जो देश का सबसे बड़ा नेटवर्क है। हवाई अड्डों की संख्या 16 तक पहुंच गई है, जिनमें 5 निर्माणाधीन हैं और प्रदेश में 5 अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे हैं। मुख्यमंत्री ने बताया कि एमएसएमई नीति-2022 के तहत 96 लाख इकाइयों के साथ उत्तर प्रदेश देश में शीर्ष पर है, जिससे पौने दो करोड़ रोजगार सृजित हुए। औद्योगिक ऋण वितरण 2017 में 3.54 लाख करोड़ रुपये से बढ़कर 2024-25 में 9.24 लाख करोड़ रुपये हो गया। सिंगल विंडो सिस्टम और निवेश सारथी पोर्टल ने उद्यमियों को सहूलियत दी।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने विजन डॉक्यूमेंट 2047 विधानसभा के पटल पर प्रस्तुत किया। सदन ने सर्वसम्मति से इसे पास किया।
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(Udaipur Kiran) / दिलीप शुक्ला
