
कोलकाता, 14 अगस्त (Udaipur Kiran) । कसबा स्थित लॉ कॉलेज की छात्रा से कॉलेज परिसर के भीतर हुए दुष्कर्म मामले में कोलकाता पुलिस की डिटेक्टिव डिपार्टमेंट टीम इस महीने के भीतर पहली चार्जशीट दाखिल कर सकती है। सूत्रों के अनुसार जांच लगभग पूरी होने की कगार पर है और मामला जल्द ही निचली अदालत में पेश किया जाएगा।
जांच में अब तक चार आरोपितों—मोनोजीत मिश्रा, जावेद अहमद, प्रमित मुखर्जी और पिनाकी बनर्जी—को गिरफ्तार किया गया है। पुलिस के मुताबिक, मोनोजीत मिश्रा को दुष्कर्म का मुख्य आरोपित बनाया गया है, जबकि जावेद अहमद और प्रमित मुखर्जी को अपराध में सहयोग करने का दोषी माना गया है। चौथा आरोपित पिनाकी बनर्जी, जो कॉलेज का सुरक्षाकर्मी है, घटना के समय कथित तौर पर “बेबस गवाह” था।
पुलिस ने बुधवार को प्रेसीडेंसी सेंट्रल करेक्शनल होम में मिश्रा का वॉइस सैंपल लिया। संयुक्त पुलिस आयुक्त (अपराध) रूपेश कुमार के अनुसार, यह कार्रवाई अदालत के निर्देश पर की गई। सभी आरोपित वर्तमान में इसी जेल में बंद हैं।
जांच के दौरान जुलाई में पुलिस को दो अहम फोरेंसिक रिपोर्ट मिलीं। इसके साथ ही सीसीटीवी फुटेज भी बरामद हुआ, जिसमें आरोपितों को पीड़िता को गार्ड रूम तक घसीटते हुए देखा गया, जहां दुष्कर्म की वारदात हुई।
मिश्रा पर पहले से ही कई आपराधिक आरोप रहे हैं—गुंडागर्दी, धारदार हथियार से गंभीर चोट पहुंचाना, जूनियर छात्रों को बाहरी असामाजिक तत्वों की मदद से पीटना और सहपाठी छात्राओं के साथ यौन उत्पीड़न तक के मामले। इसके बावजूद कॉलेज प्रशासन और पुलिस ने कभी सख्त कार्रवाई नहीं की। यह लापरवाही तब तक जारी रही जब तक कॉलेज परिसर में हुई इस दुष्कर्म की घटना ने पूरे कोलकाता को झकझोर नहीं दिया।
(Udaipur Kiran) / ओम पराशर
