
देहरादून, 14 अगस्त (Udaipur Kiran) । उत्तराखंड में बारिश का सिलसिला आज भी जारी है। नदिया व गाड-गधेरे उफान पर है। नदियों के किनारे रहने वाले लोगों को लगातार सतर्क किया जा रहा है और संवेदनशील इलाकों को प्रशासन लगातार खाली करवा रहा है। वहीं, उत्तरकाशी के धराली में लापता लोगों की खोज के लिए लगातार अभियान चलाया जा रहा है। बारिश खोज में बाधा बन रही है।
मौसम विभाग ने आज बागेश्वर, चंपावत, देहरादून, हरिद्वार, नैनीताल, पौडी गढ़वाल, टिहरी गढ़वाल, उधमसिंहनगर में स्थित देवप्रयाग, डोईवाला, रुड़की, लक्सर, चकराता, रामनगर च आसपास के क्षेत्रों मे कुछ स्थानों पर भारी से बहुत भारी बारिश और कुछ स्थानों पर अत्यधिक भारी बारिश के साथ गरज के साथ तूफा व अत्यंत तीव्र बारिश होने की संभावना है। उत्तराखंड लगातार मूसलाधार बारिश का दौर जा रही है, जिससे जनजीवन पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है। चारों धामों के मार्ग बंद हैं और यात्रियों को सुरक्षित स्थानों पर रोका गया है। अलकनंदा, भागीरथी, सरयू, यमुना, गोमती समेत अन्य नदियां पूरे उफान पर हैं और खतरे के निशान को छू रही है। तटवती इलाकों पर विशेष चौकसी बरती जा रही है। राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण ने सभी जिलों को अलर्ट पर रहने के निर्देश जारी किए हैं।
कुमाऊं मंडल के गौला बैराज के अपस्ट्रीम, खनस्यू और काठगोदाम में वर्षा होने से गौला बैराज में लगातार पानी बढ़ रहा है। वर्तमान में 28,956 क्यूसेक पानी गौला बैराज के डाउनस्ट्रीम में प्रवाहित हो रहा है। यह भी अवगत कराया जाना है कि गौला नदी खतरे के लेवल से 12 सेमी ऊपर बह रही है व पानी और बढ़ने की प्रबल संभावना है। गौला बैराज के डाउनस्ट्रीम में गौला नदी में कृपया सावधानी बरतें।
धराली में भूस्खलन का अध्ययन कर रही है उच्च स्तरीय समिति
धराली में आपदा से प्रभावित क्षेत्र के स्थलीय निरीक्षण व इस घटना के संभावित कारणों को जानने के लिए शासन की गठित विशेषज्ञों की टीम धराली पहुंच गई है। विशेषज्ञों की इस टीम में उत्तराखंड भूस्खलन शमन एवं प्रबंधन केंद्र के निदेशक शांतनु सरकार, केंद्रीय भवन अनुसंधान संस्थान रुड़की के मुख्य वैज्ञानिक डॉ. डीपी कानूनगो, भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण् के निदेशक रवि नेगी, वाडिया हिमालय भूविज्ञान संस्थान के वैज्ञानिक डॉ अमित कुमार एवं यूएलएमएमसी के प्रधान सलाहकार मोहित कुमार शामिल हैं।
विशेषज्ञों की इस टीम ने आज प्रभावित क्षेत्र में अनेक स्थलों पर जाकर आपदा से हुए नुकसान, उसकी प्रवृत्ति एवं कारणों की मौके पर व्यापक पड़ताल की। टीम ने मलबे के नमूनों को भी परखा तथा खीरगाड के प्रवाह क्षेत्र और मलवे के प्रसार का भी जायजा लिया। विशेषज्ञ टीम ने स्थानीय लोगों से भी घटना के बारे में जानकारी प्राप्त की। इस टीम के स्थलीय निरीक्षण का सिलसिला गुरूवार को भी जारी रहेगा।
धराली में राहत एवं बचाव
धराली हर्षिल क्षेत्र में आई आपदा के बाद वहां से रेस्क्यू कर लाए गए स्थानीय लोगों को प्रशासन द्वारा दैनिक जरूरत का सभी समान वितरित किया जा रहा है। स्थानीय प्रशासन द्वारा यह सुनिश्चित किया जा रहा है कि आपदा से प्रभावित परिवारों तक दैनिक उपयोग की सभी जरूरी वस्तुएं पहुंचायी जाए।
आपदा प्रभावित ऐसे लोग जो जिला मुख्यालय सहित मातली, बड़ेथी, ज्ञानसु, नेताला, गणेशपुर और भेला टिपरी आदि गांवों में प्रवास कर रहे हैं , प्रशासन द्वारा उन सभी के संबंधित पीड़ित परिवारों तक उनके घरदृघर जाकर खाद्यान्न सामग्री का वितरण किया जा रहा है। प्राप्त सूचना के अनुसार अभी तक कुल 171 किटों को प्रभावितों तक वितरित किया जा चुका है।
वितरित की गई प्रत्येक किट में 10 किलो चावल, 5 किलो आटा, 2 किलो दाल, 2 किलो नमक, एक तिरपाल, दो थाली सहित सभी जरूरी बर्तन, रसोई का तेल और खाना बनाने की सभी सामग्री सहित दैनिक उपयोग की सभी जरूरी वस्तुएं शामिल है।
(Udaipur Kiran) / विनोद पोखरियाल
