Uttar Pradesh

जिला अस्पताल में नहीं लगानी पड़ेगी लाइन, घर बैठे ऑनलाइन खुद बना सकेंगे अपना पर्चा

बुधवार को ऑनलाइन जेनरेट हुआ जिला अस्पताल का पहला पर्चा, आभा आईडी से होगी और सहूलियत
बुधवार को ऑनलाइन जेनरेट हुआ जिला अस्पताल का पहला पर्चा, आभा आईडी से होगी और सहूलियत

गोरखपुर, 13 अगस्त (Udaipur Kiran) । जिला अस्पताल में मरीज दिखाने के लिए अब लाइन लगाने से मुक्ति मिल जाएगी। मरीज और उसके परिजन ओपीडी के लिए घर बैठे खुद ऑनलाइन पर्चा बना सकेंगे। इस सुविधा के तहत बुधवार को जिले का पहला पर्चा भी ऑनलाइन जेनरेट किया गया।

इस पहल में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले गोरखपुर के मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ राजेश झा ने बताया कि जिनके पास पहले से आभा आईडी होगी उन्हें इस काम में और भी सहूलियत होगी। उन्होंने बताया कि जिला अस्पताल के प्रमुख चिकित्सा अधीक्षक डॉ संजय कुमार और मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉ बीके सुमन की मदद से इस व्यवस्था को और अधिक सुदृढ़ किया जा रहा है। हमारा प्रयास है कि जब मरीज सीएचसी, पीएचसी और आयुष्मान आरोग्य मंदिरों से संदर्भित हों तो उन्हें उस चिकित्सा इकाई से ही ऑनलाइन पर्चा बना कर दिया जाए ताकि उन्हें भी जिला अस्पताल में लाइन न लगानी पड़े।

सीएमओ डॉ राजेश झा ने बताया कि जिला अस्पताल का ऑनलाइन पर्चा मरीज खुद जेनरेट करवाने के बाद उसे कहीं से भी प्रिंट करवा कर अस्पताल में चिकित्सक के कक्ष में जाएंगे। इस व्यवस्था पर पूरे प्रदेश में काम चल रहा है। राज्य स्तर के सहयोग से गोरखपुर जिले में हम यह व्यवस्था शीघ्र लागू करने में सफल रहे हैं। शहर के सभी आयुष्मान आरोग्य मंदिरों पर डिजिटल प्रेसक्रिब्शन की व्यवस्था पहले से ही लागू कर दी गई है। वहां पर अब मरीज की सारी एंट्री, दवा और जांच आदि डिजिटल पर्चे पर लिखी जाती है। अब इन केंद्रों से जो मरीज संदर्भित होंगे उन्हें जिला अस्पताल के भी पर्चे ऑनलाइन जेनरेट कर दिए जाएंगे, जिससे संदर्भित मरीज को परेशानी न उठानी पड़े। ग्रामीण क्षेत्रों के अस्पतालों के मरीजों के लिए भी यह व्यवस्था लागू की जा रही है। इससे संदर्भित मरीज सीधे चिकित्सक के पास जा सकेगा।

सीएमओ ने बताया कि ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन व्यवस्था में आभा आईडी होने से और आसानी से रजिस्ट्रेशन हो रहा है। यह आईडी लोग अपने क्षेत्र की आशा कार्यकर्ता की मदद से अपने आधार कार्ड के जरिये जेनरेट करवा सकते हैं। आभा आईडी होने से न केवल रजिस्ट्रेशन में आसानी होगी, बल्कि सभी प्रकार की रिपोर्ट व परामर्श आदि संरक्षित हो जाएंगे। इस आईडी के जरिये देश के किसी भी अस्पताल में पहुंचने के बाद अपनी पुरानी रिपोर्ट व अन्य डिटेल को मरीज अपनी सहमति देकर एक्सेस कर सकते हैं।

अभिमुखीकरण की हुई शुरुआत

पोस्टमार्टम से जुड़े चिकित्सा अधिकारियों के अभिमुखीकरण की एम्स गोरखपुर में बुधवार से शुरुआत हो गई। तीन दिवसीय कार्यशाला के पहले दिन सीएमओ डॉ राजेश झा ने भी एम्स पहुंच कर कार्यशाला में प्रतिभाग किया। कार्यशाला के जरिये पोस्टमार्टम की विकसित तकनीकियों, फारेंसिंक विज्ञान की आधुनिक जानकारियों और गैप्स दूर करने के उपायों के बारे में एम्स गोरखपुर के फारेंसिक साइंस डिपार्टमेंट द्वारा खासतौर से प्रशिक्षण दिया जाएगा।

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(Udaipur Kiran) / प्रिंस पाण्डेय

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