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माध्यमिक परीक्षा में नंबर घटाने का आरोप : दो अंक कम मिलने से मेधा सूची से बाहर, छात्रा ने की सीबीआई जांच की मांग

कलकत्ता हाई कोर्ट

कोलकाता, 13 अगस्त (Udaipur Kiran) । पश्चिम बंगाल माध्यमिक परीक्षा में नंबरों में गड़बड़ी का सनसनीखेज मामला सामने आया है। हुगली जिले के अरामबाग स्थित अलीपुर संतोष सामान्य विद्यापीठ की छात्रा दिशा‍नी हाजरा ने आरोप लगाया है कि उसकी उत्तरपुस्तिका में जानबूझकर ओवरराइट कर नंबर घटाए गए, जिसके कारण वह मेधा सूची में स्थान पाने से वंचित रह गई। छात्रा ने इस मामले में सीबीआई जांच की मांग करते हुए कलकत्ता हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है।

साल 2023 की माध्यमिक परीक्षा में दिशानी को कुल 681 अंक मिले थे, जबकि उसी साल दसवें स्थान पर रही छात्रा के 683 अंक थे। यानी केवल दो अंकों के अंतर से दिशानी मेधा सूची में शामिल नहीं हो सकी। उत्तरपुस्तिका की प्रति हाथ लगने के बाद उसने आरोप लगाया कि जहां परीक्षक ने सही उत्तर के लिए नंबर दिए थे, वहां बाद में ओवरराइट कर अंक घटा दिए गए।

छात्रा की ओर से अधिवक्ता आशिष कुमार चौधुरी ने न्यायालय में कहा कि दिशानी को उसके सही उत्तरों के बावजूद पूरे अंक नहीं दिए गए। इस कारण वह मेधा सूची में नाम दर्ज कराने का अवसर खो बैठी। एक मेधावी छात्रा के लिए इससे बड़ी दुर्भाग्यपूर्ण बात और क्या हो सकती है।

दूसरी ओर, मध्य शिक्षा परिषद के अधिवक्ता ने अदालत में कहा कि बोर्ड को नहीं पता कि ऐसा कैसे हुआ।

न्यायमूर्ति तपोब्रत चक्रवर्ती की खंडपीठ ने दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद बुधवार को आदेश दिया कि आरोप की सच्चाई जांचना जरूरी है। अदालत ने पश्चिम बंगाल मध्य शिक्षा परिषद को निर्देश दिया है कि 25 अगस्त तक दिशानी की मूल उत्तरपुस्तिका अदालत में प्रस्तुत की जाए।

(Udaipur Kiran) / ओम पराशर

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