
नई दिल्ली, 13 अगस्त (Udaipur Kiran) । राजधानी में रामलीला मंचन को लेकर सारी अनुमतियों के लिए जिला स्तर पर डीएम की अगुवाई में एकल खिड़की प्रणाली के जरिए सभी तरह के अनापत्ति प्रमाण पत्र (एनओसी) जारी किए जाएंगे। यह निर्णय बुधवार को राजनिवास में उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना की अध्यक्षता में आयोजित एक विशेष बैठक में लिया गया। बैठक में मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता, दिल्ली रामलीला महासंघ के पदाधिकारी और संबंधित विभागों के वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे।
मुख्यमंत्री निर्णय की जानकारी देते हुए बताया कि इस बार राजधानी में रामलीला का मंचन 22 सितंबर से 02 अक्टूबर तक होने जा रहा है। राजधानी में 600 रामलीलाओं का मंचन किया जाता है। इनमें से 100 बड़ी रामलीलाओं का मंचन भव्य तरीके से होता है। पिछले कुछ सालों से रामलीला आयोजकों को मंचन के लिए कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ रहा था। उन्हें जमीन मिलने में देरी होती थी, साथ ही कई प्रकार के एनओसी के चलते रामलीला मंचन में दिक्कतें आ रही थीं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि अब रामलीला मंचन के लिए सारी अनुमतियों के लिए जिला स्तर पर डीएम की अगुवाई में एकल खिड़की प्रणाली बनाया जा रहा है, जहां से रामलीला मंचन के लिए सभी तरह के एनओसी जारी किए जाएंगे। उन्होंने यह जानकारी दी कि रामलीला मंचन के लिए भूमि की सिक्योरिटी राशि को 20 रुपये वर्गमीटर से घटाकर 15 रुपये वर्गमीटर किया जा रहा है। एक बड़ा निर्णय यह भी लिया गया है कि रामलीला मंचन के साथ बनने वाले मनोरंजन स्थलों का क्षेत्रफल मिलने वाले कुल क्षेत्रफल का 40 प्रतिशत किया जा रहा है। पहले यह 25 प्रतिशत था।
मुख्यमंत्री ने बताया कि मनोरंजन स्थल में लगने वाले झूले व खाने-पीने के स्टॉल को लेकर कभी-कभी आपसी विवाद हो जाता था। अब समय पर ही ऐसे विवाद का निवारण करने के लिए डीडीए के उप-निदेशक स्तर के अधिकारी व दिल्ली रामलीला महासंघ के दो पदाधिकारियों की एक समिति बना दी गई है। जरूरत पड़ने पर यह समिति विभिन्न विभागों के अधिकारियों के साथ समन्वय स्थापित कर विवादों का निपटारा कर देगी।
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(Udaipur Kiran) / धीरेन्द्र यादव
