Uttar Pradesh

गोरखपुर में लक्ष्य से अधिक है उर्वरक की उपलब्धता

गत खरीफ सीजन से अधिक हो चुका है यूरिया और डीएपी का वितरण*
गत खरीफ सीजन से अधिक हो चुका है यूरिया और डीएपी का वितरण*

गोरखपुर, 13 अगस्त (Udaipur Kiran) । मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर अन्नदाता किसानों के हितों को शीर्ष प्राथमिकता देते हुए हर बार की तरह इस बार भी खरीफ फसली सीजन में हर तरह के उर्वरकों की भरपूर उपलब्धता सुनिश्चित कराई गई है। गोरखपुर में यूरिया हो, डीएपी या फिर एनपीके हाे, सभी लक्ष्य से काफी अधिक उपलब्ध हैं। यूरिया और डीएपी का अबतक वितरण भी गत खरीफ सीजन से अधिक हो चुका है। इसके साथ ही पर्याप्त मात्रा में उर्वरक के रैकों की आवक भी निरंतर बनी हुई है।

गोरखपुर के जिला कृषि अधिकारी/अधिसूचित प्राधिकारी (उर्वरक) डीपी सिंह बताते हैं कि गोरखपुर में उर्वरकों की कोई कमी नहीं है। पर्याप्त उपलब्धता है और भरपूर वितरण भी किया जा रहा है। इस खरीफ सीजन में किसानों द्वारा जिले में 172967 हेक्टेयर क्षेत्रफल में धान और अन्य फसलों की बोआई की गई है। गन्ना तथा औद्यानिक फसलों की बोआई का क्षेत्रफल क्रमशः 2722 और 1404 हेक्टेयर है। खरीफ फसलों के लिए सर्वाधिक मांग यूरिया खाद की होती है। गोरखपुर में इस खरीफ सत्र में यूरिया का कुल लक्ष्य 41280 मीट्रिक टन रखा गया था। इसके सापेक्ष यूरिया की अब तक कुल उपलब्धता लक्ष्य से अधिक 48440 मीट्रिक टन है। जिले में 39055 मीट्रिक टन यूरिया का वितरण हो चुका है जबकि गत वर्ष अगस्त माह तक 33292 मीट्रिक टन का वितरण ही हुआ था। स्पष्ट है कि पिछले साल से अधिक वितरण किए जाने के साथ अभी भी 9385 मीट्रिक टन यूरिया उपलब्ध है।

जिला कृषि अधिकारी के मुताबिक दो दिनों में 5018 मीट्रिक टन यूरिया उर्वरक की रैक जनपद को प्राप्त हो चुकी है। इसमें से 3976 मीट्रिक टन यूरिया सहकारिता क्षेत्र को और 1042 मीट्रिक टन यूरिया निजी क्षेत्र को प्राप्त हुई है। यूरिया की पर्याप्त उपलब्धता के साथ इसकी आवक भी निरंतर बनी हुई है। इस बीच इफको की 1336 मीट्रिक टन और इंडोरामा की 950 मीट्रिक टन की रैक भी आ रही है।

सिर्फ यूरिया ही नहीं, जिले में अन्य उर्वरकों की पर्याप्त उपलब्धता बनी हुई है। मसलन, गोरखपुर में डीएपी (दाई अमोनियम फॉस्फेट) का खरीफ सत्र में लक्ष्य 4974 मीट्रिक टन रहा जबकि इसकी उपलब्धता 12005 मीट्रिक टन रही। डीएपी का वितरण लक्ष्य से अधिक, 5015 मीट्रिक टन हुआ है। जबकि गत वर्ष अगस्त तक का वितरण 3950 मीट्रिक टन था। इसी प्रकार एनपीके (नाइट्रोजन, फॉस्फोरस, पोटैशियम) की उपलब्धता लक्ष्य 2700 मीट्रिक टन के सापेक्ष 6702 मीट्रिक टन है। अब तक 1706 मीट्रिक टन एनपीके का वितरण हुआ है जबकि वर्तमान में 4996 मीट्रिक टन एनपीके उपलब्ध है। एसएसपी (सिंगल सुपर फास्फेट) भी लक्ष्य 4745 मीट्रिक टन से करीब तीन गुना अधिक, 14031 मीट्रिक टन की मात्रा में उपलब्ध हुई। म्यूरेट ऑफ पोटाश (एमओपी) का लक्ष्य 760 मीट्रिक टन रहा जबकि इसकी उपलब्धता 2779 मीट्रिक टन रही।

उर्वरकों के समुचित वितरण की हो रही निगरानी

उर्वरकों का वितरण समुचित रूप से हो, इसके लिए कृषि और सहकारिता विभाग के अफसरों/कार्मिकों के साथ ही जिलाधिकारी द्वारा तहसील स्तरीय अधिकारियों, कर्मचारियों से निगरानी कराई जा रही है। शासन द्वारा सभी उर्वरक बिक्री केंद्रों (सहकारी व निजी) को पीओएस मशीन से ही बिक्री के निर्देश दिए गए हैं ताकि किसानों को समुचित मात्रा में मानक गुणवत्ता के उर्वरक निर्धारित मूल्य पर उपलब्ध हों।

मनमानी पर हो रही सख्त कार्रवाई

खाद वितरण में किसी भी तरह की मनमानी, अधिक मूल्य लेने और गुणवत्ता से जुड़ी शिकायत पर प्रशासन की तरफ से खाद विक्रेताओं के खिलाफ सख्त कार्रवाई भी की जा रही है। प्रवर्तन की कार्यवाही करते हुए उर्वरक निरीक्षकों ने गोरखपुर में कई दुकानों पर छापा मारकर 65 नमूने संग्रहीत किए हैं। अनियमित रूप से उर्वरक व्यवसाय किए जाने के कारण 25 खाद विक्रेताओं के लाइसेंस निलंबित करते हुए 7 लाइसेंस निरस्त कर दिए गए हैं। खाद की एक दुकान को सील करने के अलावा 18 खाद व्यवसायियों को कारण बताओ नोटिस जारी की गई है।

गोरखपुर में उर्वरकों की स्थिति

उर्वरक लक्ष्य उपलब्धता वितरण

यूरिया 41280 48440 39055

डीएपी 4974 12005 5015

एनपीके 2700 6702 1706

एसएसपी 4745 14031 5495

एमओपी 760 2779 234

(आंकड़े मीट्रिक टन में हैं)

(Udaipur Kiran) / प्रिंस पाण्डेय

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