Uttar Pradesh

डिजिटल रेप मामला: प्रधानाचार्य और शिक्षिका को बचाने वाली दो महिला उपनिरीक्षक को खिलाफ चलेगा मुकदमा

आरोपी ट्रेनर को आजीवन कारावास, ग्रेटर नोएडा के डीपीएस स्कूल में हुई थी वारदात

ग्रेटर नोएडा (Udaipur Kiran) । जनपद गौतमबुद्ध नगर न्यायालय ने एक निजी स्कूल में साढ़े तीन साल की बच्ची के साथ डिजिटल रेप (गुप्तांग में अंगुली)करने के दोषी को आजीवन कारावास की सजा सुनाई। अदालत ने उस पर 24 हजार रुपये जुर्माना लगाया। जुर्माना राशि जमा नहीं करने पर छह महीने का अतिरिक्त कारावास भुगतना होगा। अदालत ने स्कूल पर भी 10 लाख रुपये का जुर्माना लगाया।

जनपद के सहायक शासकीय अधिवक्ता चवनपाल सिंह ने बताया कि ग्रेटर नोएडा के डीपीएस स्कूल में 12 जुलाई 2018 को साढ़े तीन साल की मासूम के साथ रेप की घटना हुई थी। घटना के समय बच्ची स्वीमिंग पूल के समीप मौजूद थी।

इसी बीच स्वीमिंग पूल का लाइफ गार्ड चंडीदास बच्ची को एक दीवार के पास ले गया था। लाइफ गार्ड ने बच्ची के साथ घिनौना काम किया था। इस घटना की जानकारी होने पर परिजनों ने आरोपी लाइफ गार्ड चंडीदास के खिलाफ सूरजपुर थाने में मुकदमा दर्ज करवाया था। पुलिस ने कार्रवाई करते हुए आरोपी चंडीदास निवासी पश्चिम बंगाल को गिरफ्तार किया था। पुलिस ने इस प्रकरण में कोर्ट में चार्जशीट दाखिल की थी। अदालत ने गवाह एवं साक्ष्य के आधार पर चंडीदास को दोषी मानते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई। स्कूल प्रबंधन पर दबाव बनाने का आरोप लगा था इस घटना के बाद स्कूल प्रबंधन पर आरोप लगा था कि मामले की जानकारी होने के बाद कार्रवाई करने के बजाय दो दिन तक मामले को दबाने का प्रयास किया। इस मामले को रफा-दफा करने के लिए बच्ची के माता-पिता पर भी दबाव बनाया गया था। माता-पिता ने विरोध में आवाज उठाई थी। इसके बाद पुलिस ने केस दर्ज कर आरोपी चंडीदास को दबोचा था। घटना के दौरान आरोपी ग्रेटर नोएडा की ग्रीनवुड सोसाइटी में रहता था।

स्कूल पर 10 लाख का जुर्माना लगाते हुए अदालत ने पोक्सो अधिनियम की धारा-33 की उपधारा (8) के तहत शक्ति का प्रयोग करते हुए डीपीएस सोसाइटी को घोर लापरवाही के कृत्य के लिए उत्तरदायी माना और उन्हें आदेश की तारीख से एक महीने के भीतर 10 लाख रुपये का भुगतान करने का आदेश दिया। यह रकम जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के कार्यालय में जमा करनी होगी। इस राशि से पीड़ित और उसके परिवार की प्रतिपूर्ति की जानी चाहिए।

दो महिला उपनिरीक्षकों पर अभियोग चलाने का आदेश

थाना सूरजपुर क्षेत्र में स्थित डीपीएस स्कूल में हुई साढ़े तीन वर्षीय बच्ची के साथ डिजिटल रेप के मामले में तत्कालीन जांच अधिकारी महिला उपनिरीक्षक सीता सिंह और रश्मि चौधरी को जांच में गड़बड़ी करने पर इस अपराध में न्यायालय ने सह आरोपी के रूप में शामिल करते हुए अभियोग में चलाने का आदेश दिया है।

सहायक शासकीय अधिवक्ता चवनपाल भाटी ने बताया कि अपर जिला सत्र एवं पाक्साे द्वितीय के विशेष न्यायाधीश विजय कुमार की अदालत ने इस मामले में जांच अधिकारी सीता सिंह और रश्मि चाैधरी को समन जारी करते हुए कहा है कि इसकी एक प्रति उत्तर प्रदेश की पुलिस महानिदेशक को सूचना और आवश्यक कार्रवाई के लिए भेजी जाए। इस निर्णय की फाइल को संग्रहीत किया जाए और सह आरोपियों के मुकदमे के लिए इसी केस क्राइम नंबर के तहत एक नई फाइल खोली जाए, जिसमें अगली तारीख 8 सितंबर 2025 को है। इसी दिन आरोप तय किए जाएंगे। उन्होंने बताया कि अदालत ने कहा कि इस मामले में बाद की जांच अधिकारी सीता सिंह और रश्मि चौधरी ने तत्कालीन प्रधानाचार्य रेनू चतुर्वेदी और अध्यापिका हिना लोहानी के पक्ष में दायर की गई समापन रिपोर्ट रिकॉर्ड पर उपलब्ध साक्ष्य के विपरीत है। उन्होंने दोषपूर्ण और पक्षपातपूर्ण जांच करके तत्कालीन प्रधानाचार्य और कक्षा अध्यापिका को बचाने का प्रयास किया, जबकि उन्हें आरोपी बनाया गया था। इस मामले में कार्रवाई नए सिरे से शुरू होगी और गवाहों को फिर से सुना जाएगा। न्यायालय के इस आदेश के बाद पुलिस विभाग में हड़कंप मचा हुआ है। लोगों का कहना है कि सह अभियुक्त बनाए गए पुलिस अधिकारियों के खिलाफ जल्द ही कार्रवाई होगी।

(Udaipur Kiran) / सुरेश

(Udaipur Kiran) / मोहित वर्मा

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