
शिमला, 13 अगस्त (Udaipur Kiran) । राजधानी शिमला से सटे सुन्नी थाना क्षेत्र में पुलिस ने 382 मेगावाट क्षमता वाले निर्माणाधीन सुन्नी डैम हाइड्रो इलेक्ट्रिक प्रोजेक्ट में जबरन काम रुकवाने और कर्मचारियों से अभद्रता करने के आरोप में 15 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया है। यह कार्रवाई सतलुज जल विद्युत निगम लिमिटेड (एसजेवीएनएल) सुन्नी के डीजीएम (एचआर) विपुल ठाकुर की शिकायत पर की गई है।
शिकायत के अनुसार छह अगस्त से दोपहर लगभग 2:30 बजे से केंद्र ऑफ इंडियन ट्रेड यूनियन्स (सीटू) से जुड़े भूमिधारक विस्थापित सदस्य बिना पूर्व सूचना और कानूनी आधार के प्रोजेक्ट का काम रुकवा रहे हैं। इस बीच 12 अगस्त को दोपहर 3:33 बजे आरोपियों ने प्रोजेक्ट के मक्किंग डंपर (नंबर HP 63F 0430) को स्थानीय प्रशासन की मौजूदगी में रोक दिया और सुरक्षा कर्मियों, कर्मचारियों व ठेकेदारों के साथ अभद्र भाषा का प्रयोग किया। बार-बार अनुरोध के बावजूद उन्होंने काम शुरू नहीं होने दिया।
शिकायत में कहा गया है कि इस अवैध रोक के कारण प्रोजेक्ट की प्रगति बाधित हुई, संचालन में व्यवधान आया, वित्तीय हानि हुई और ठेकेदारों के साथ हुए अनुबंध की समय-सीमा का उल्लंघन हुआ। बीते सात दिनों में प्रोजेक्ट को लगभग तीन करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है।
सुन्नी पुलिस ने भारतीय न्याय संहिता की धारा 126(2), 191(2), 190, 352, 351(2) तहत थाना सुन्नी में केस दर्ज किया है। एफआईआर में ओम प्रकाश, बालक राम शर्मा, चुनी लाल, दुष्यंत, हेम राज, भूपेंद्र, योगराज उर्फ राजू, महेंद्र, मोहन लाल शर्मा, केशव, टेक चंद, सनोस रावत, परास, नेक चंद और संदीप को नामजद किया गया है।
आरोप है कि इन सभी ने एसजेवीएनएल स्टाफ को धमकाया भी है।
शिमला पुलिस के एक अधिकारी ने बुधवार को बताया कि आरोपियों के विरुद्ध केस दर्ज कर कार्रवाई अमल में लाई जा रही है।
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(Udaipur Kiran) / उज्जवल शर्मा
