

जयपुर, 12 अगस्त (Udaipur Kiran) । वैज्ञानिक तथा औद्योगिक अनुसंधान परिषद्-केंद्रीय भवन अनुसंधान संस्थान रुड़की के सहयोग से सप्त शक्ति कमान ने‘आधुनिक निर्माण पद्धतियां एवं उभरती प्रौद्योगिकियां’विषय पर एक तकनीकी कार्यशाला आयोजित की। कार्यक्रम के दौरान रक्षा अवसंरचना के लिए तृतीय पक्ष तकनीकी निरीक्षण संबंधी एक समझौता ज्ञापन पर भी हस्ताक्षर किए गए।
सप्त शक्ति कमान के आर्मी कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल मनजिंदर सिंह ने दर्शकों को संबोधित करते हुए सैन्य संगठनों में गुणवत्तापूर्ण बुनियादी ढांचे और आवास के महत्व पर जोर दिया, जिसे कमान के स्तंभों और कल्याण के प्रमुख सिद्धांतों में से एक बताया। उन्होंने गुणवत्ता नियंत्रण सुनिश्चित करने में तृतीय पक्ष देखरेख तथा अतिरिक्त विशेषज्ञता के लाभों पर भी प्रकाश डाला।
जन संपर्क अधिकारी (रक्षा) कर्नल निखिल धवन के अनुसार सप्त शक्ति कमान की यह पहल केंद्रीय भवन अनुसंधान संस्थान (सीबीआरआई), रुड़की के साथ एक अंतःविषय सहयोग है, जिसका उद्देश्य बुनियादी ढांचे के विकास में गुणवत्ता के उच्चतम मानकों, टिकाऊ और नवीन तकनीकों के उपयोग को सुनिश्चित करना है। सीएसआईआर के तहत कार्यरत सीबीआरआई रुड़की देश का प्रमुख राष्ट्रीय अनुसंधान संस्थान है, जिसकी स्थापना 1947 में भवन विज्ञान और प्रौद्योगिकी में नवीन समाधान एवं तकनीकें प्रदान करने के उद्देश्य से की गई थी, ताकि निर्माण उद्योग में गुणवत्ता और स्थिरता को बढ़ावा मिल सके।
12 अगस्त 2025 को सप्त शक्ति कमान और सीबीआरआई, रुड़की के बीच गुणवत्ता नियंत्रण आश्वासन के लिए एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए। दक्षिण पश्चिमी कमान के आर्मी कमांडर और सीएसआईआर-सीबीआरआई के निदेशक प्रोफेसर आर. प्रदीप कुमार द्वारा विधिवत हस्ताक्षरित समझौता ज्ञापन के तहत, सप्त शक्ति कमान के अंतर्गत बुनियादी ढांचे के कार्यान्वयन में सीबीआरआई तकनीकी सलाह प्रदान करेगा।
साथ ही, एमईएस में चल रही बुनियादी ढांचा विकास परियोजनाओं और क्षमता निर्माण कार्यक्रमों के लिए तृतीय पक्ष तकनीकी निरीक्षण की सुविधा भी उपलब्ध कराई जाएगी। इस अवसर पर‘ आपका सशक्तीकरण’ शीर्षक से एक पुस्तिका का विमोचन भी किया गया, जिसमें आवश्यक निर्माण सेवाओं से संबंधित उपयोगी दिशा-निर्देश शामिल हैं।
एमईएस अधिकारियों और सप्त शक्ति कमान के बुनियादी ढांचे विकास से जुड़े सभी अधिकारियों के लिए सीबीआरआई द्वारा आयोजित एक दिवसीय कार्यशाला में, सीबीआरआई के प्रमुख वैज्ञानिकों ने निर्माण में सर्वोत्तम प्रथाओं और नवीन व टिकाऊ निर्माण तकनीकों पर विस्तार से चर्चा की। इसके बाद एक इंटरैक्टिव सत्र का भी आयोजन किया गया।
सप्त शक्ति कमान की यह पहल गुणवत्ता नियंत्रण के अनुपालन और नवीन एवं टिकाऊ प्रौद्योगिकियों को अपनाने में एक नई शुरुआत साबित होगी, जो विकसित भारत की दिशा में इसके महत्वपूर्ण योगदानों में से एक है।
—————
(Udaipur Kiran)
